डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड मामले में यूपी पुलिस ने पीडीए की मदद से प्रयागराज में बुलडोजर एक्शन किया था लेकिन यह अब गलत साबित होता दिख रहा है. जानकारी के मुताबिक जिस घर पर बुलडोजर चला था, वह अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति नहीं थी बल्कि एक पत्रकार जफर अहमद का था. इसके चलते अब अतीक अहमद के वकील सौलत हनीफ ने कहा है कि वे इस एक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं.
दरअसल, जफर अहमद पिछले 8 सालों से अपनी बहन शहनाज परवीन के साथ गूलर नाका स्थित मोहल्ले में रहता था. यहां पहले उसका एक मीडिया हाउस था. बाद में उसने पाव भाजी की दुकान खोली थी. जफर की दूसरी बहन का नाम उजरा बेगम बताया गया है जो कि छावनी मोहल्ले में रहती है.
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गौरतलब है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने चकिया मोहल्ले में अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति के धोखे में जफर अहमद के मकान को गिरा दिया था. जफर पिछले काफी वक्त से बांद में रहता था. बांदा पुलिस ने जफर की दोनों बहनों के घर पर छापा मारा लेकिन वहां कोई नहीं मिला है.
जानकारी के मुताबिक चकिया मोहल्ले में यह घर जफर अहमद ने करीबी रिश्तेदार और अतीक अहमद के वकील सौलत हनीफ के कहने पर खरीदा था. जानकारी के मुताबिक अतीक अहमद के वकील और जफर के बीच साले बहनोई का रिश्ता है. इस मामले में अब अतीक के वकील सौलत हनीफ ने कहा है कि यूपी प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगी.
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दूसरी ओर इस मामले को लेकर प्रयागराज पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि जिस मकान को पीडीए ने गिराया है, वह मकान पत्रकार जफर अहमद खान के नाम पर में दर्ज है. उन्होंने बताया है कि पत्रकार का मोबाइल बंद आ रहा है और उसकी सारी कुंडली खंगाली जा रही है.
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