Uttarakhand: हीमोफीलिया से पीड़ित था साढ़े तीन साल का मासूम, इलाज के अभाव में पिता ने ही ले ली जान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 18, 2022, 11:05 AM IST

आरोपी अपने बेटे का इलाज नहीं करा पाया जिसके चलते उसने खुद अपने ही हाथों से बच्चे का गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया.

डीएनए हिंदी: उत्तराखंड से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां ऊधम सिंह नगर जिले में रहने वाले एक 30 वर्षीय व्यक्ति ने अपने ही बेटे की हत्या कर दी. शख्स ने पहले बच्चे के गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन बाद में उसने खुद अपना जुर्म कबूल कर लिया.

क्या है पूरा मामला
दरअसल ऊधम सिंह नगर जिला निवासी मोहम्मद तारिक का साढ़े तीन साल का एक बेटा हीमोफीलिया नामक बीमारी से पीड़ित था. आरोपी अपने बेटे का इलाज नहीं करा पाया जिसके चलते उसने खुद अपने ही हाथों से बच्चे का गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया.

इतना ही नहीं, मामले में बीते मंगलवार को खुद मोहम्मद तारिक ने पुलबट्टा पुलिस स्टेशन में बेटे के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसके बाद जांच में जुटी पुलिस को बरेली में एक नहर से सटी झाड़ियों में बच्चे की डेड बॉडी मिली.

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हालांकि जांच आगे बढ़ी दो इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज ने पिता तारिक को ही शक के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया. इसके बाद जैसे ही तारिक से पूछताछ की गई, उसने स्वयं अपना अपराध स्वीकार कर लिया. 

इधर घटना के बारे में जानकारी देते हुए ऊधम सिंह नगर शहर की एसपी ममता वोहरा ने बताया, मोहम्मद तारिक ट्रक मालिक था जिसे वह स्वयं ही चलाता था. बीते कुछ समय से काम न मिलने के कारण वह ट्रक की ईएमआई (EMI) नहीं दे पा रहा था. इसके अलावा उसके सामने बेटे के इलाज में होने वाले खर्च की चिंता थी. इन सबके चलते वह आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो गया था.

एसपी सिटी वोहरा ने कहा, मंगलवार देर रात मोहम्मद तारिक ने खुद पुलबट्टा पुलिस स्टेशन में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. साथ ही बताया था कि उसका बेटा घर के बाहर से लापता हो गया है. हमने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी लेकिन आरोपी पिता बार-बार बयान बदल रहा था. जब जांच-पड़ताल की गई तो उसकी पत्नी ने बताया कि बेटा आखिरी बार तारिक के साथ ही देखा गया था.

उन्होंने आगे कहा, मामले में जांच जारी थी कि तभी पड़ोसी जिले बरेली के बहेड़ी क्षेत्र में कुछ लोगों को एक लावारिस लाश मिली जिसकी शिनाख्त बाद में तारिक के बेटे शाबान के रूप में हुई. वहीं इस दौरान जब सीसीटीवी फुटेज का हवाला देकर हमने तारिक से पूछा तो उसने जुर्म कबूल कर लिया. 

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पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, तारिक ने अपने बेटे के कत्ल के बाद उसके शव को नहर में फेंकने की कोशिश की थी लेकिन लाश झाड़ियों में फंस गई. तारिक ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि उसने अपने बेटे के इलाज के लिए किसी सरकारी योजना का लाभ उठाने का प्रयास नहीं किया. ऐसे में जब वह बीते सोमवार अपने बेटे शाबान को इलाज के लिए हल्द्वानी ले गया तो डॉक्टरों ने उसे बच्चे को दिल्ली में भर्ती कराने के लिए कहा था. फिलहाल हत्या के आरोप में तारिक को गिरफ्तार कर लिया गया है.

उत्तराखंड हीमोफीलिया हत्या