Bihar: जेल में रहकर पास किया IIT-JAM, कौशलेंद्र कुमार की कहानी जानकर हैरान रह जाएंगे

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 24, 2022, 07:28 PM IST

कहते हैं कि लगन हो तो मंजिल मिल ही जाती है. इसे 11 महीने से जेल में बंद कौशलेंद्र कुमार ने सच करके दिखाया है. उन्होंने IIT-JAM में सफलता पाई है.

डीएनए हिंदी: मुश्किल हालात में भी अगर लक्ष्य पर ध्यान रखा जाए तो सफलता मिल सकती है. इसे बिहार के नवादा जिले के निवासी कौशलेंद्र कुमार ने सच कर दिखाया है. जेल में रहते हुए उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया है. इंडियन टेस्ट फॉर मास्टर (IIT- JAM) में उन्हें 54वां रैंक मिला है. 

जेल में रहते हुए की पढ़ाई, 54वां रैंक आया
नवादा मंडल कारागाह में बंद कैदी कौशलेंद्र कुमार ने आईआईटी क्वालीफाई करके देशभर में बहुत से लोगों को हैरान कर दिया है. जब आईआईटी रुड़की की ओर से रिजल्ट जारी किया गया तो उसमें कौशलेंद्र कुमार को 54वां रैंक हासिल हुआ है.

11 महीने से जेल में हैं बंद 
कौशलेंद्र करीब पिछले 11 महीनों से जेल में बंद है. जानकारी के मुताबिक, कौशलेंद्र नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव का रहने वाला है. पिछले साल 19 अप्रैल को गांव में हुई एक मारपीट की घटना के आरोप में उसे जेल हो गई थी. इस घटना में गांव के एक 45 वर्षीय व्यक्ति संजय यादव की बुरी तरह पिटाई की वजह से मौत हो गई थी. कौशलेंद्र का कहना है की उसका सपना वैज्ञानिक बनने का है. यही कारण है कि जेल में आने के बाद भी उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी और सेल्फ स्टडी के जरिए ही तैयारी कर यह मुकाम हासिल किया है.

सेल्फ स्टडी से पाया मुकाम
कौशलेंद्र ने जेल में रहते हुए ही सेल्फ स्टडी के जरिए आईआईटी क्वॉलिफाई किया है. आईआईटी रुड़की की ओर से जारी किए गए रिजल्ट में उन्हें 54वां रैंक हासिल हुआ है. आईआईटी की तरफ से हर साल जॉइंट इंडियन टेस्ट फॉर मास्टर (IIT- JAM) का आयोजन करवाया जाता है. यह एक तरह का एंट्रेंस एग्जाम होता है. इस एग्जाम को पास करने वाले अभ्यर्थियों को 2 वर्षीय एमएससी प्रोग्राम के पाठ्यक्रम में दाखिला दिया जाता है. आईआईटी क्वॉलिफाई करने के बाद अब कौशलेंद्र के लिए आगे के कोर्स में जाने का रास्ता साफ हो गया है. बता दें कि उसने अपनी इस सफलता का श्रेय पूर्व जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडे और अपने भाई वीरेंद्र कुमार को दिया है.

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