मुंबई की एक विशेष अदालत ने होटल व्यवसायी जय शेट्टी की हत्या के मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जय शेट्टी की 25 साल पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. राजन के इशारे पर उसके गुर्गों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. छोटा राजन को इससे पहले पत्रकार जेडे की हत्या के मामले में उम्र कैद की आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामलों के लिए विशेष न्यायाधीश एएम पाटिल ने छोटा राजन को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) एवं 120 बी (साजिश) और मकोका प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया. इसके बाद अदालत ने उसे आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने राजन पर 16 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. छोटा डॉन फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.
राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निकाल्जे है. उसे इंडोनेशियाई पुलिस ने अक्टूबर 2015 में गिरफ्तार किया था और इसके बाद बाली से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. वह अपनी गिरफ्तारी से पहले लगभग 30 साल तक फरार रहा था और माना जाता है कि वह पहले भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ था. विशेष सरकारी वकील (एसपीपी) प्रदीप घरात ने बताया कि फैसले के बाद राजन को शहर के छह मामलों समेत सात मामलों में दोषी ठहराया गया.
कहां हुई जय शेट्टी की हत्या?
जय शेट्टी मध्य मुंबई के गामदेवी में गोल्डन क्राउन होटल का मालिक था. छोटा राजन की तरफ से शेट्टी को जबरन वसूली की धमकियां मिल रही थीं. जब उसने हफ्ता देने से मना कर दिया तो छोटा राजन ने गुर्गे भेजकर उसकी हत्या करा दी. जय शेट्टी को 4 मई 2001 को होटल की पहली मंजिल पर गोलियों से छल्ली कर दिया गया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, हत्या राजन के नेतृत्व वाले एक संगठित अपराध गिरोह के सदस्यों ने की थी.
जय शेट्टी को छोटा राजन के गुर्गे कुंदन सिंह रावत और अजय मोहिते ने गोली मारी थी. मोहिते रंगे हाथों पकड़ा गया और उसके पास से पिस्तौल मिली थी. हालांकि, रावत मौके से भागने में कामयाब रहा, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई. जांच से पता चला कि प्रमोद धोंडे, राहुल पानसरे, समीर माणिक ने गैंगस्टर हेमंत पुजारी और राजन के कहने पर जय शेट्टी की हत्या की साजिश रची थी.
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शूटर अजय मोहिते को भी आजीवन कारावास की सजा
मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के पास जाने से पहले मुंबई पुलिस ने मामले में मकोका के प्रावधानों को शामिल किया था, क्योंकि राजन और पुजारी पर कई मामले थे. राजन के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पीड़ित के बेटों सहित 32 गवाहों से जिरह की. एक अलग मुकदमे में 2004 में एक विशेष न्यायाधीश ने शूटर मोहिते को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
धोंडे और पानसरे को हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया, लेकिन जबरन वसूली के लिए दोनों को पांच-पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई थी. माणिक फरार था और उसे 2008 में गिरफ्तार किया गया था और उसी साल अदालत ने उसे बरी कर दिया था. पुजारी अब भी इस मामले में फरार है. राजन 2011 में पत्रकार जेडे की हत्या के मामले में पहले से ही आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. (PTI इनपुट के साथ)
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