Live in में रहने के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन, एक से ज्यादा शादी पर बैन, जानें भारत में कहां हो रहा ऐसा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 20, 2023, 04:57 PM IST

Live-In Relationship (Representative Photo)

Uttarakhand News: उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) का ड्राफ्ट अगले 15 दिन में सरकार को सौंपने की तैयारी है. इस ड्राफ्ट के कुछ हिस्से सामने आए हैं.

डीएनए हिंदी: Uniform Civil Code- लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के लिए भी लीगल रजिस्ट्रेशन करना होगा. कोई भी व्यक्ति एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएगा और दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को वोट देने का अधिकार नहीं मिलेगा. ऐसे कुछ नियम उत्तराखंड राज्य की समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) में देखने को मिल सकते हैं, जिसके ड्राफ्ट के कुछ हिस्से सामने आए हैं. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के समान नागरिक संहिता (UCC) पर आगे बढ़ने के कारण शुरू हुई बहस के बीच उत्तराखंड अपने यहां UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन सकता है. 

पैरेंट्स को दी जाएगी लिव-इन रिलेशन की जानकारी

ड्राफ्ट के अब तक सामने आए हिस्सों के मुताबिक, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स का लीगल रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा. लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स के माता-पिता को भी इसकी जानकारी दी जाएगी. यह रजिस्ट्रेशन लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के बीच होने वाले विवादों और बाद में लगने वाले गंभीर आरोपों जैसी घटनाओं को रोकने के लिए की जाएगी.

ना होगा एक से ज्यादा विवाह, ना हलाला-इद्दत

ड्राफ्ट में राज्य में कोई भी निवासी एक से ज्यादा विवाह नहीं कर पाएगा. एक से ज्यादा विवाह करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. साथ ही तलाक के बाद हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं को अंजाम देने पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा. तलाक के मामले में महिला और पुरुष को समान अधिकार दिए जाएंगे.

दो से ज्यादा बच्चों पर भी लगेगा बैन

राज्य सरकार यूसीसी में ही पॉपुलेशन बिल को भी हिस्सा बना रही है. इसके मुताबिक, दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर प्रतिबंध होगा. यदि कोई दो से ज्यादा बच्चे पैदा करता है तो उसे वोट देने का अधिकार नहीं रहेगा.

पत्नी की मौत पर उसके मां-बाप की जिम्मेदारी पति की

ड्राफ्ट में पति और पत्नी के अधिकारों को समान बनाया जा रहा है. जहां तलाक के मामले में दोनों को समान अधिकार दिए जाएंगे, वहीं यह भी तय किया जा रहा है कि पत्नी की मौत होने पर उसके माता-पिता की देखभाल करने की जिम्मेदारी पति की होगी. साथ ही कमाऊ बेटे की मौत होने पर मिलने वाले मुआवजे में पत्नी के साथ ही माता-पिता को भी हिस्सेदार बनाए जाने की तैयारी की जा रही है. पत्नी के दूसरी शादी कर लेने के बावजूद भी उसे अपने पहले पति की मौत के मुआवजे में हिस्सा दिया जाएगा.

15 दिन में सरकार को मिलेगा फाइनल ड्राफ्ट

उत्तराखंड सरकार की तरफ से यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी. यह समिति फाइनल ड्राफ्ट अगले 15 दिन में राज्य सरकार को सौंप देगी, जिसके बाद इसे कानून बनाने के लिए विधानसभा में पेश किया जाएगा.

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