डीएनए हिंदी : कोरोनावायरस के कारण देश की लचर चिकित्सीय सुविधाओं की पोल खुल गई है. ऐसे में मोदी सरकार इस चिकित्सीय सुविधाओं को लेकर जल्द ही आधार की तर्ज पर ही यूनीक हेल्थ आईडी कार्ड लॉन्च कर सकती है. इसके चलते लोगों को सरकार द्वारा दी जा रहीं स्वास्थ्य सुविधाओं का आसानी से लाभ मिल सकेगा. इसको किसी के इलाज की डिटेल्स आसानी से प्राप्त की जा सकेंगी.
एक कार्ड में सारी डिटेल्स
देश में आधार कार्ड जारी होने के बाद कितना अधिक महत्वपूर्ण बन गया है, ये सर्वविदित है. इसी तरह यूनीक हेल्थ आईडी के तहत सरकार हर व्यक्ति का स्वास्थ्य से जुड़ा डेटाबेस तैयार करेगी. इस आईडी के साथ उस व्यक्ति के मेडिकल रिकॉर्ड्स की भी सारी डिटेल संग्रहित होगी और आधार की तर्ज पर ही इसमें भी आपका सारा डेटा सुरक्षित रहेगा.
इस कार्ड के बनने के बाद यदि किसी डॉक्टर के पास कार्ड धारक व्यक्ति जाएगा तो अपनी हेल्थ आईडी दिखाएगा. उससे पता चल जाएगा कि इससे पहले क्या इलाज चला, किन डॉक्टरों से परामर्श लिया और कौन-कौन सी दवाएं पहले चलाई गई हैं. इस सुविधा के जरिये सरकार लोगों को इलाज आदि में भी कर सकेगी, जो कि स्वास्थ्य सुविधाओं व इलाजे के प्रोसेस अधिक पारदर्शी हो जाएंगे.
ली जाएंगी ये जानकारी
इस आधार की तर्ज पर प्रस्तावित हेल्थ आईडी कार्ड के दस्तावेजों की बात करें तो इसमें व्यक्ति की आईडी बनेगी. इसके लिए उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा. इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो व्यक्ति का एक-एक डेटा जुटाएगी. जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत लेनी जरूरी होगी.