डीएनए हिंदी: सोचिए एक ट्रेन यात्रियों से खचाखच भरी हो लेकिन तभी ड्राइवर बीच राह में यह कहकर मना कर दे कि अब मैं ट्रेन नहीं चलाऊंगा. सोचिए यात्रियों पर क्या बीतेगी. यह किस्सा नहीं हकीकत है. सहरसा से दिल्ली जा रही एक स्पेशल ट्रेन को लोको पायलट ने बुढ़वल रेलवे स्टेशन पर ही रोक दिया. मालगाड़ी क्रॉस होने के बाद यात्री ट्रेन चलने का इंतजार करते रहे लेकिन ड्राइवर बीच राह गाड़ी छोड़कर चला गया. जब एक घंटा बीत गया तो यात्री परेशान होने लगे. उन्हें रेलवे स्टेशन से जवाब मिला कि ड्राइवर और गार्ड की ड्यूटी खत्म हो गई है, इसलिए वे चले गे हैं.
यात्री इसे देखकर भड़क गए. उन्होंने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. जब बड़े अधिकारियों तक इसकी सूचना पहुंची तो गोंडा से ड्राइवर और गार्ड भेजे गए करीब तीन घंटे तक यात्री भूखे प्यासे रेलवे स्टेशन पर पड़े रहे. ट्रेन करीब 4.50 ट्रेन रवाना की गई.
यात्रियों ने स्टेशन पर किया बवाल
यात्रियों ने जब बवाल शुरू किया तो स्टेशन मास्टर इंजन के पास पहुंचे. जब वे लोको पायलट के इंजन की ओर आगे बढ़े तो पता चला कि ड्राइवर जा चुका है. उसने कहा कि चालक और गार्ड की तबीयत ठीक नहीं है. आगे गाड़ी वे नहीं ले जा सकते हैं.
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गोंडा से आए ड्राइवर तब जाकर चली ट्रेन
करीब 2 बजकर 20 मिनट पर अधीक्षक को ड्राइवर के फरार होने की सूचना मिली. स्टेशन मास्टर ने गोंडा फोन या, जिसके बाद ड्राइवर और गार्ड आए. ट्रेन 4 बजकर 50 मिनट पर आगे रवाना हुई. ट्रेन इतनी देरी से खड़ी थी कि दुकानों पर मौजूद पानी और खाने की सामग्री खत्म हो गई. यात्री काफी देर तक परेशान रहे. किसी तरह अधिकारियों की सूझबूझ से बड़ा हंगामा होने से बचा.
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