अमेरिका में 14 अप्रैल को मनाया जाएगा National Sikh Day, जानें पूरी डिटेल

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 30, 2022, 06:32 PM IST

अमेरिकी कांग्रेस ने 14 अप्रैल को 'नेशनल सिख डे' के तौर पर मनाने का प्रस्ताव जमा किया है. इसके क्या मायने हैं समझें रवींद्र सिंह रॉबिन के लेख में.

यूएस कांग्रेस ने 14 अप्रैल को 'राष्ट्रीय सिख दिवस' के तौर पर मनाने का प्रस्ताव पारित किया है. अमेरिका में रह रही सिख आबादी के लिए इससे बहुत ज्यादा उत्साह है. यूएस कांग्रेस ने यह प्रस्ताव 1007 इसके दूसरे सेशन में 28 मार्च को सबमिट किया है. इस प्रस्ताव को जमा कराने वालों में कई प्रमुख कांग्रेस सदस्य भी थे जिनमें अमेरिकी सिख क्रांग्रेस कमिटी भी शामिल है.  

प्रस्ताव जमा कराने वालों में स्कैनलॉन (उनके लिए, बास, टोंको,   फिटप्रैट्रजिक, माइजर, स्वालवेल, कृष्णमूर्ति, नोरक्रॉस, न्यू जर्सी से किम, गारमैंडी, नील,  पेंसिलवेनिया के ब्रेडन एफ फायनॉल,  वैल्डालो) शामिल थे. इसका अनुमोदन मैरी गे स्कैनलॉन (PA) ने किया और सहअनुमोदन करेन बास (CA), पॉल टोंको (NY), ब्रायन के फिट्जप्रैट्रजिक (PA), डैनियल मीयजर (PA), एरिक स्वालवेल (CA), राजा कृष्णमूर्ति (IL), डोनाल्ड नोरक्रॉस (NJ), एंडी किम (NJ), जॉन गारमैंडी (CA), रिचर्ड ई. नील (MA), ब्रेंडन एफ. बॉएल (PA), डेविड जी. वैल्डालो (CA) और कमेटी ऑन ओवरसाइट एंड रिफ़ॉर्म (स्टैंडिंग) ने किया है. 
 
इस प्रस्ताव में सिख समुदाय के प्रयासों की सराहना की गई थी. प्रस्ताव में बताया गया कि भारत के पंजाब से इस धर्म की शुरुआत हुई थी और 100 साल पहले करीब कुछ सिख लोग अमेरिका पहली बार आए थे. सिख धर्म दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा धर्म है जिसके अनुयायियों की संख्या के करीब 30,000,000 है. अमेरिका में ही करीब  सिख धर्म मानने वालों की संख्या 1,000,000 के करीब है. इस प्रस्ताव में अमेरिका के विकास में सिख समुदाय के योगदान का भी उल्लेख किया गया है.
 
14 अप्रैल के 'नेशनल सिख  डे' के तौर पर मनाने के पीछे खास वजह है. इस दिन को पूरी दुनिया में सिख समुदाय के लोग धूमधाम से बैसाखी का त्योहार मनाया जाता है.  यह पंजाब में फसलों के कटने का त्योहार है. पंजाब ही भारत का वह राज्य है जहां से सिख धर्म की शुरुआत हुई है. साथ ही, इसी दिन सिखों के 10वें गुरु (गुरु गोबिंद सिंहजी) ने खालसा पंथ की शुरुआत की थी. प्रस्ताव में इसका जिक्र करते हुए कहा गया है, 'सिख कैलेंडर के मुताबित बैसाख महीने के पहले दिन बैसाखी त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. सिख कैलेंडर के मुताबिक यह दिन 14 अप्रैल को आता है और इसी दिन 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की गई थी. यह दिन खास तौर पर अन्याय और जुल्म के खिलाफ संघर्ष के प्रण का दिन है, जिस भाव ने सिख धर्म के स्वरूप और इतिहास में महती भूमिका निभाई है. इस दिन को तय करने के लिए यह सबसे सही विकल्प है क्योंकि इस दिन (बैसाखी और खालसा पंथ स्थापना दिवस) को पूरे विश्व में सिख समुदाय धूमधाम से त्योहार मनाता है.'

अमेरिका के विकास में सिख समुदाय ने अपनी बड़ी भागीदारी निभाई है. अमेरिकन सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एजीपीसी) ने इस प्रस्ताव के लिए कांग्रेस सदस्यों का आभार जताया है. एजीपीसी के संयोजक प्रीतपाल सिंह ने कहा, अमेरिका में सिखों की संस्कृति और परंपराओं के लिए जागरूकता बनाने के लिहाज से बहुत खास है. साथ ही, सिख समुदाय के साथ होने वाले हेट क्राइम (नफरत में की गई हिंसा) को रोकने में भी मददगार साबित होगी. हिंसा का यह स्वरूप खास तौर पर 9/11 आतंकी घटना के बाद तेजी से बढ़ा है. इसकी वजह है कि कई बार गलतफहमी में सिखों को अरब समझ लिया जाता है. ऐसी ही कुछ घटनाओं में अमेरिका में गुरुद्वारों पर भी हमले किए गए थे. 

अमेरिका में सिख समुदाय की भूमिका की सराहना करते हुए कांग्रेस सदस्यों ने कहा, 'अमेरिका के नागरिक सिख समुदाय के योगदान की सराहना करके खुद को भाग्यशाली मानते हैं. देश के सामाजिक स्वरूप को समृद्ध बनाने में सिखों का महत्वपूर्ण योगदान है. सिख कमेटी के एक्जीक्युटिव डायरेक्टर हरप्रीत सिंह ने कहा, 'मुझे खुशी है कि अमेरिका में अलग-अलग हिस्सों में रह रहे सिख समुदाय के योगदान को पहचान देने की कोशिश हो रही है. सिखों ने अमेरिका के विकास में बड़ी भूमिका निभाई है.'

(लेखक रवींद्र सिंह रॉबिन वरिष्ठ पत्रकार हैं. यह जी मीडिया से जुड़े हैं. राजनीतिक विषयों पर यह विचार रखते हैं.)  

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