Uttar Pradesh Bye Election 2024: उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान की तारीख भले ही 13 नवंबर से बदलकर 15 नवंबर कर दी गई है, लेकिन इससे सियासी दलों के लिए चुनौती कम नहीं हुई है. सबसे बड़ी चुनौती भाजपा के सामने खड़ी हुई है, जो लोकसभा चुनाव में कमतर प्रदर्शन की भरपाई उपचुनाव में सभी सीट जीतकर करने की कोशिश में है. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रात-दिन रैलियां कर रहे हैं. पार्टी ने सबसे बड़ा टारगेट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा खाली की गई करहल सीट को बनाया है तो दूसरा टारगेट कानपुर की सीसामऊ सीट पर अपना कब्जा जमाना है. सीसामऊ सीट सपा के विवादित विधायक इरफान सोलंकी की थी, जिस पर अब उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही है. इस सीट को जीतने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है, जिसकी जिम्मेदारी कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी को सौंपी गई है. इस सीट पर भाजपा 9 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली के दौरान लाखों लोगों की भीड़ जुटाकर अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में है. इसकी जिम्मेदारी भी सांसद अवस्थी ने संभाल रखी है, जो पार्टी की तरफ से इस सभा के संयोजक बनाए गए हैं.
रैली की तैयारियां जांचने पहुंचे वित्त मंत्री
मुख्यमंत्री की रैली 9 नवंबर को कानपुर के दर्शनपुरवा सेंट्रल पार्क में आयोजित होगी, जिसकी तैयारियां परखने के लिए शुक्रवार को राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना खुद वहां पहुंचे. खन्ना ने सांसद रमेश अवस्थी, भाजपा कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र अध्यक्ष प्रकाश पाल, प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता, विधान परिषद सदस्य मानवेंद्र सिंह, जिला अध्यक्ष दीपू पांडे आदि के साथ जनसभा स्थल की जांच की. इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से कई सवाल भी किए. देर शाम वरिष्ठ नेताओं की बैठक में जनसभा से जुड़े एक-एक बिंदु की समीक्षा के दौरान सांसद रमेश अवस्थी को संयोजक नियुक्त किया गया. बैठक में तय किया गया कि हेलीपैड से लेकर सभा स्थल तक भारतीय जनता पार्टी के झंडों से पूरा मार्ग सजाया जाएगा.
लोकसभा में चमत्कार दिखा चुके है अवस्थी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा को सफल बनाने की जिम्मेदारी सांसद रमेश अवस्थी को सौंपा जाना बेहद अहम माना जा रहा है. दरअसल हालिया लोकसभा चुनाव में कानपुर में कांटे की फाइट में अवस्थी ने अभूतपूर्व संघर्ष से सभी को प्रभावित किया है. उनकी रणनीति की बदौलत ही उन्हें इस सीट पर जीत मिली, जिसके चलते इसे ऐतिहासिक चुनाव माना गया है. उनकी रणनीतियों को राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा मिली है. इसी कारण उनके नेतृत्व में जनसभा के ज्यादा प्रभावी और व्यापक असर छोड़ने की उम्मीद मानी जा रही है. संगठन से गहराई तक जुड़े रहे अवस्थी की कार्यकर्ताओं तक पहुंच है, जो जनसभा को सफल बनाने का पहला सूत्र माना जाता है.
जनता तक पहुंचने का आखिरी अवसर है योगी की जनसभा
भाजपा के लिए सीसामऊ सीट पर जीत हासिल करना बेहद आवश्यक माना जा रहा है. ऐसे में पार्टी के पास अपनी नीतियों को जनता तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री की जनसभा आखिरी अवसर मानी जा रही है, जिसे सफल बनाने की जिम्मेदारी सांसद अवस्थी को मिली है.
जनसभा के लिए इन्हें भी मिली हैं जिम्मेदारियां
जनसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की व्यवस्था संबंधित जिम्मेदारियां भी तय कर दी गई हैं. पूर्व जिला अध्यक्ष सुनील बजाज, सत्येंद्र मिश्रा, प्रमोद अग्रहरी जनसभा स्थल की संपूर्ण व्यवस्था देखेंगे. मंच व्यवस्था, सेफ हाउस, कॉन्फ्रेंस सभा की जिम्मेदारी संतोष शुक्ला, अवधेश सोनकर, जितेन शर्मा और वीरेंद्र त्रिपाठी को मिली है. वोटर दीर्घा का भार परमानंद शुक्ला और अतुल दीक्षित, जबकि सुरक्षा की जिम्मेदारी अमित बाथम व अंशु सिंह संभालेंगे. पेयजल व्यवस्था के लिए रोहित साहू और पीयूष आनंद को लगाया गया है. वाहन व्यवस्था सत्यम गुप्ता और राघवेंद्र मिश्रा तथा पार्किंग की व्यवस्था जिला अध्यक्ष शिवराम सिंह को दी गई है. महिला दीर्घा की जिम्मेदारी श्रीमती शोभा शुक्ला और लवली सक्सेना की रहेगी, जबकि अनूप अवस्थी व अनुराग शर्मा मीडिया को संभालेंगे.
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