Uttarakhand Forest Fire पर भड़का Supreme Court, बोला- चुनावी ड्यूटी पर क्यों लगाए फॉरेस्ट कर्मचारी

Written By कुलदीप पंवार | Updated: May 15, 2024, 04:42 PM IST

Uttarakhand Forest Fire: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जंगल की आग को कंट्रोल करने में उत्तराखंड का रुख निराशाजनक रहा है. साथ ही कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को खुद पेश होने का आदेश दिया है.

Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड के जंगलों में कई हफ्ते से लगी भीषण आग कंट्रोल में नहीं आ रही है. पिछले दिनों हुई बारिश के कारण कुछ जगह आग बुझी है, लेकिन अधिकतर जंगल अब भी बुरी तरह धधक रहे हैं. इस हालत पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और उत्तराखंड सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने आग को कंट्रोल करने में उत्तराखंड सरकार के रुख को निराशाजनक बताया और इस बात पर हैरानी जताई कि जंगलों में भयानक आग लगी होने पर भी उसे कंट्रोल करने के बजाय वन कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी में तैनात कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने फायर कंट्रोल के लिए फंड की कमी से लेकर वन विभाग में खाली पड़े पदों तक को लेकर केंद्र और राज्य सरकार से बेहद नाराजगी जताई है. साथ ही इसका समाधान निकालने की जरूरत बताई है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को इन सब सवालों के जवाब के साथ 17 मई को खुद पेश होने का आदेश दिया है.

नवंबर से अब तक लगी 1,000 से ज्यादा जगह आग

सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश आंकड़ों के हिसाब से उत्तराखंड में पिछले साल नवंबर से अब तक जंगलों में आग लगने के 1,000 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. इस समय भी राज्य में सौ से ज्यादा जगह जंगलों में आग लगी हुई है, जिसके चलते लाखों रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि आग से प्रभावित इलाके राज्य के कुल जंगल का महज 0.1% ही है. बता दें कि उत्तराखंड राज्य का 45% हिस्सा जंगलों से ढका हुआ है.

'दुखद है आग को लेकर सरकारी रवैया'

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एसवीएन भट्टी और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने उत्तराखंड की आग से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की. बेंच ने कहा,' हमें यह कहते हुए बेहद दुख है कि जंगल की आग कंट्रोल करने में उत्तराखंड का रुख बहुत निराशाजनक है. उत्तराखंड में आग को लेकर कार्य योजनाएं तैयार हुईं और उन्हें अंतिम रूप भी दिया गया, लेकिन वे लागू ही नहीं हो सकीं. 

'क्यों नहीं दिया पर्याप्त फंड'

बेंच ने केंद्र सरकार को भी जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने हैरानी जताई कि आग से निपटने के लिए राज्य की तरफ से 10 करोड़ रुपये की ग्रांट मांगने पर केंद्र ने महज 3.15 करोड़ रुपये की मदद भेजी. बेंच ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा,'पर्याप्त फंड क्यों नहीं दिए गए हैं?' कोर्ट ने राज्य के जंगलों में आग लगी होने पर भी वन कर्मियों की ड्यूटी चुनाव में लगाने पर नाराजगी जताई. बेंच ने राज्य में 19 अप्रैल को मतदान से पहले भी सुनवाई के दौरान वन कर्मियों की चुनावी ड्यूटी पर सवाल उठाया था.

'आप केवल बहाने बना रहे हैं'

सुप्रीम कोर्ट बेंच ने उत्तराखंड सरकार को आग से निपटने में लापरवाही को लेकर पिछली सुनवाई पर भी फटकार लगाई थी. इसे लेकर राज्य सरकार के वकील की तरफ से सफाई देने पर बेंच में मौजूद तीनों जज नाराज हो गए. उन्होंने कहा, 'यह बेहद दुखद है. आप केवल बहाने बना रहे हैं.'

'इंद्र देव या क्लाउड सीडिंग पर निर्भर नहीं रह सकते'

पिछले सप्ताह भी कोर्ट ने सुनवाई के दौरान फायर कंट्रोल को लेकर राज्य सरकार के रवैये पर सवाल उठाया था. बेंच ने कहा था कि आप आग बुझाने के लिए एयर फोर्स के फायरफाइटिंग वर्क या इंद्र देव (बारिश के देवता) या क्लाउड सीडिंग पर निर्भर नहीं रह सकते.

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