Uttarakhand News: उत्तराखंड में कांग्रेस के एक विधायक ने भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ऐसा पत्र लिखा है, जो वायरल हो गया है. विधायक ने अपना दिमाग खराब बताते हुए मुख्यमंत्री से सरकारी खर्च पर इलाज कराने की मांग की है. यह पत्र सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद हर तरफ चर्चा का सबब बना हुआ है. विधायक के ऐसा अजीब पत्र लिखने के कारण आप यदि ये सोच रहे हैं कि उनका दिमाग सच में खराब हो गया है तो आप गलत हैं. दरअसल विधायक ने इस पत्र के जरिये राज्य सरकार और उत्तराखंड भाजपा पर तंज कसा है.
किच्छा सीट के विधायक ने लिखा है पत्र
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखने वाले विधायक तिलक राज बेहड़ हैं, जो किच्छा सीट से चुनाव जीते हैं. तिलक राज उत्तराखंड के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं में गिने जाते हैं. बेहड़ ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, 'मेरा मानसिक संतुलन खराब हो गया है. मेरे मानसिक संतुलन का किसी उच्च स्तरीय मानसिक अस्पताल में मेरा मेडिकल चेकअप कराने की कृपा करें ताकि उत्तराखंड की जनता के सामने मेरे मानसिक संतुलन की जानकारी आ सके. यदि मेडिकल चेकअप में मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ पाया जाता है तो किसी मानसिक रोग अस्पताल में भर्ती कराकर सरकार की तरफ से इलाज कराया जाए ताकि मैं ठीक होकर दोबारा जनता की सेवा कर सकूं.'
क्यों लिखा है ऐसा पत्र
अब आपको बताते हैं वो कारण, जिसकी वजह से विधायक ने ऐसा अजीब पत्र लिखा है. यह कारण खुद बेहड़ ने अपने पत्र में बताया है. बेहड़ ने लिखा, 'लोकसभा चुनाव के दौरान नजीमाबाद धौराडाम गांव में भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट की मौजूदगी पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने मेरे ऊपर टिप्पणी की है. शुक्ला ने कहा कि मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है. मेरा इलाज दिल्ली एम्स या आगरा में चेकअप कराकर कराया जाए. ऐसी टिप्पणी आपकी पार्टी के नेता अनेकों सभाओं में कर चुके हैं. ऐसे में जरूरी है कि उत्तराखंड की जनता को मेरे मानसिक संतुलन की स्थिति की जानकारी मिल सके. इस कारण मेरा मेडिकल चेकअप कराया जाए.'
चिकित्सा मंत्री रह चुके हैं बेहड़
उत्तराखंड के वरिष्ठ नेताओं में शामिल तिलक राज बेहड़ 5 बार विधायक बन चुके हैं. वे राज्य में कांग्रेस की सरकार के दौरान चिकित्सा मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं. बेहड़ का दावा है कि चिकित्सा मंत्री रहने के दौरान उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में कई बड़े काम कराए हैं. तिलक राज बेहड़ ने अपनी मानसिक स्थिति की जांच वाला पत्र खुद ही मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात करने के बाद उन्हें सौंपा है.
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