उत्तरकाशी LIVE: मजदूरों की सुरंग में ही कटेगी आज की भी रात, ऑगर मशीन का बेस हिलने से रोक दी गई है ड्रिलिंग
उत्तरकाशी में चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन. (तस्वीर-ANI)
उत्तरकाशी की सुरंग में मजदूर बीते 11 दिनों से फंसे है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बचाव दल का कहना है कि मजदूरों तक पहुंचने में अभी समय लग सकता है.
डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की एक सुरंग में 41 मजदूर बीते 11 दिनों से कैद हैं. उन्हें बाहर निकालने के तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं लेकिन उन तक 11 दिन बाद भी पहुंचा नहीं जा सकता है. पाइप के सहारे उन तक ऑक्सीजन से लेकर खाद्य पदार्थ तक पहुंचाए जा रहे हैं. वे कैमरे में अपना चेहरा भी दिखा चुके हैं, सभी मजदूर स्वस्थ बताए जा रहे हैं लेकिन रेस्क्यू टीम इतना वक्त बीत जाने के बाद भी उन्हें बाहर नहीं निकाल पा रही है. सुरंग की दीवारें पथरीली हैं और जमीन दरकने वाली है. ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार मुश्किल होता जा रहा है. यह अभियान अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर पहुंच गया है. मजदूर कभी भी सुरंग से बाहर आ सकते हैं. पढ़ें पल-पल के अपडेट्स.
- ऑगर मशीन का बेस हिलने से रोक दी गई है ड्रिलिंग, रात में नहीं होगा रेस्क्यू
रेस्क्यू ऑपरेशन का काम एक बार फिर बीच में ही रुक गया है. मलबे में ड्रिलिंग के जरिये पाइप डालने का काम रोकना पड़ा है, क्योंकि ऑगर मशीन के नीचे का बेस हिल गया है. माना जा रहा है कि मलबे में ज्यादा ठोस पत्थर और सरिया को काटने के दौरान ज्यादा दबाव पड़ने से अस्थायी बेस हिल गया है. इसे दोबारा मजबूत करने तक मशीन नहीं चलाई जा सकती है. इसके चलते गुरुवार रात भी अंदर फंसे हुए मजदूरों को मलबे के बीच में ही रात गुजारनी होगी.
- 'अगले कुछ घंटे या कल तक ऑपरेशन सफल होने की उम्मीद'
लेफ्टिनेंट जनरल अता हसनैन ने आगे कहा कि हम ऑपरेशन के अगले कुछ घंटों में या कल तक सफल होने की उम्मीद लगा रहे हैं. यदि कोई बाधा राह में नहीं आई. ऑगर मशीन अपनी 4-5 मीटर प्रति घंटे की गति जारी रख पाई तो मैं कह सकता हूं कि कल दिन में हमें अच्छी खबर मिल सकती है.
'दो घंटे में बाहर आ जाएंगे, ये कहना रेस्क्यू पर दबाव बढ़ा रहा'
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल अता हसनैन ने कहा, सुरंग के मलबे में रास्ता बनाना चुनौतीपूर्ण काम है. अगले दो घंटे में रेस्क्यू का काम पूरा होने की उम्मीद लगाए रखना, काम करने वालों पर दबाव बढ़ा रहा है. यह गलत है. इन हालात में फंसे हुए मजदूर और रेस्क्यू टीम, दोनों ही खतरे में हैं. हमें दोनों की सुरक्षा का ध्यान रखना है.
ग्रामीण लाए सुरंग के पास बने मंदिर में बोखनाग की डोली
सिलक्यारा में सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए जहां विज्ञान जुटा हुआ है, वहीं आस्था भी अपना काम कर रही है. स्थानीय ग्रामीण मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में गुरुवार को सुरंग के पास स्थापित मंदिर में बोखनाग देवता की डोली लाई गई, जिसे सुरंग के द्वार के अंदर ले जाकर वहां पूजा-अर्चना कर रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द पूरा होने की प्रार्थना की गई है.
- ऑगर मशीन के सामने आई कोई ठोस चीज
सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने का सफर अंतिम पड़ाव पर है. ऑगर मशीन के सामने कल रात एक सरिया आने के कारण उसे रोक दिया गया था. सरिया काटकर सुबह ऑपरेशन शुरू हुआ था, लेकिन दोपहर बाद उसे फिर बंद करना पड़ा है. मशीन के सामने फिर कोई ठोस चीज आ गई है. फिलहाल ज्यादा ब्योरा नहीं बताया गया है.
- सीएम धामी ने की मजदूरों से बात, मातली में बनाया अस्थायी ऑफिस
देहरादून से सिलक्यारा पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग के अंदर जाकर फंसे हुए मजदूरों से वॉकीटॉकी पर बात की है. उन्होंने मजदूरों का हौसला बढ़ाया और जल्द ही बाहर निकाल लाने का वादा किया. मुख्यमंत्री ने देहरादून वापस लौटने का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया है. सीएम आवास पर ईगास बग्वाल (बूढ़ी दिवाली) से जुड़े सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. सीएम धामी ने सिलक्यारा के करीब मातली में ही अपना अस्थायी ऑफिस बना लिया है ताकि वह रेस्क्यू ऑपरेशन की खुद निगरानी कर सकें.
- ऑगर मशीन ने फिर शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन
सुरंग में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू में जुटी एनडीआरएफ ने अपना काम एक बार फिर शुरू कर दिया है. ऑगर मशीन ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है. रेस्क्यू टीम ने कहा है कि 2 से 3 मीटर पाइप अंदर भेजा जाएगा. 6 मीटर बाद अगर रुकावट नहीं आई तो मजदूर बाहर निकाल लिए जाएंगे.
- उत्तरकाशी टनल में करीब 6 से 8 मीटर का दायरा ड्रिलिंग के लिए बाकी है. रेस्क्यू में शामिल ऑगर मशीन में कुछ खराबी आ गई है, जिसकी वजह से रेस्क्यू रुक गया है. दिल्ली से मशीन के 7 एक्सपर्ट हेलिकॉप्टर से उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं.
रेस्क्यू टीम में शामिल अधिकारी गिरीश सिंह रावत ने गुरुवार सुबह कहा कि बचाव अभियान लगभग अपने अंतिम चरण में है, अगले 1-2 घंटों के भीतर मजदूर बाहर निकाले जा सकते हैं. उन्होंने कहा, 'बचाव अभियान लगभग आखिरी चरण में है. उम्मीद है 1-2 घंटे में कोई परिणाम सामने आ जाएगा. मजदूरों को निकालने के लिए पाइपलाइन डाली जा रही है. मलबे में फंसे स्टील के टुकड़े काटकर निकाल दिए गए हैं.'
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बेहद मुश्किल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
रेस्क्यू टीम के लिए यह अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन रहा है. बचाव अभियान के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. रेस्क्यू टीम जब क्षैतिज ड्रिलिंग के जरिए पाइप डाल रही थी तभी सुरंग के अंदर मलबे में फंसी स्टील की छड़ें मशीनों से टकराने लगीं. उन्हें किसी तरह रास्ते से हटाया गया.
जोजी-ला सुरंग के परियोजना प्रमुख हरपाल सिंह ने बताया, 'हमें मलबे में कुछ स्टील की छड़ें मिली हैं. मशीन उन छड़ों को नहीं काट सकी. इसलिए, NDRF की टीम उन छड़ों को काट रहे हैं, जिसके बाद हम मशीन का फिर से इस्तेमाल करेंगे.' सिल्क्यारा में रेस्क्यू ऑपरेशन अब अपने आखिरी चरण में पहुंच गया है. मजदूरों के बाहर आने में थोड़ा वक्त और लग सकता है. क्षैतिज ड्रिलिंग के जरिए 6 मीटर के दो पाइप टनल में डाले गए हैं.
कब तक बाहर आएंगे मजदूर, डॉक्टर-एंबुलेंस तैयार
मजदूर सुबह 8 बजे तक बाहर आ सकते हैं. शाम को NDRF की एक टीम को सुरंग में पहुंची है. मजदूर जैसे ही बाहर आएंगे, उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा. हार्ट विशेषज्ञों के साथ-साथ मौके पर 15 डॉक्टर तैनात हैं. सुरंग के बाहर कई एंबुलेंस तैनात हैं, उन्हें स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है. ऑपरेशन के लिए अगर जरूरत पड़ी तो मजदूरों को एयरलिफ्ट भी किया जा सकता है. बाहर आने वाले मजदूरों को एडमिट करने के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक विशेष वार्ड तैयार किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि जिले के सभी अस्पतालों के साथ-साथ ऋषिकेश एम्स भी अलर्ट पर है.
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