डीएनए हिंदी: Uttarakhand Latest Updates- उत्तराखंड में यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर सुरंग के अंदर मलबा गिरने से फंसे 40 मजदूरों की जान बचाने की कवायद लगातार जारी है. करीब 78 घंटे बाद भी रेस्क्यू टीमें मजदूरों तक नहीं पहुंच सकी हैं. उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा इलाके में सुरंग के अंदर गिरा मलबा निकालने वाली मशीन खराब होने से बीच में ही रेस्क्यू ऑपरेशन ठप हो गया था. अब दिल्ली से भारतीय वायुसेना के 3 विशाल हर्क्यूलिस विमान 25 टन वजन वाली नई ऑगर मशीन लेकर उत्तराखंड पहुंच गए हैं. इस मशीन की मदद से बुधवार रात में ही दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने की संभावना है.
पांच पॉइंट्स में उत्तराखंड सुरंग हादसे (Uttarakhand Tunnel Collapse) के लेटेस्ट अपडेट्स-
1. नॉर्वे और थाईलैंड के एक्सपर्ट्स से मांगी गई है मदद
उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए हरसंभव एक्सपर्ट मदद ली जा रही है. नॉर्वे और थाईलैंड के एक्सपर्ट्स की भी मदद ली जा रही है, जो पहले सुरंग के अंदर फंसे लोगों को जिंदा बचा चुके हैं. थाईलैंड में उन एक्सपर्ट्स से भी संपर्क किया गया है, जिन्होंने सुरंग के अंदर कई दिन तक फंसी रही बच्चों की फुटबॉल टीम को जिंदा रेस्क्यू किया था.
2. मजदूरों के परिजनों का टूट रहा हौसला
सुरंग के अंदर मजदूरों को फंसे हुए 78 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के कारण उनके परिजनों का हौसला अब जवाब दे रहा है. अंदर फंसे हुए मजदूरों के परिजनों ने सुरंग के बाहर कई घंटे तक प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शन में उनके साथ सुरंग निर्माण में लगे अन्य मजदूर भी शामिल रहे हैं, जो अपने साथी मजदूरों को इतना टाइम बीतने पर भी रेस्क्यू नहीं करने से नाराज थे. बताया जा रहा है कि पुलिस की इन सभी लोगों के साथ धक्कामुक्की तक की नौबत आई है.
3. खराब हुई ऑगर ड्रिलिंग मशीन को सुरंग से बाहर निकाला गया
सुरंग के अंदर मलबे को भेदकर स्टील पाइप्स को मजदूरों तक पहुंचाने के लिए मंगलवार को ऑगर ड्रिलिंग मशीन लगाई गई थी. यह मशीन दिल्ली मेट्रो ट्रेन (Delhi Metro Train) जैसी सुरंग तैयार करने के काम आती है. इस मशीन को चलाने के लिए मंगलवार को सुरंग में खास प्लेटफॉर्म तैयार किया गया था, लेकिन यह मशीन मंगलवार रात में ही खराब हो गई थी. इस मशीन और उसके प्लेटफॉर्म को बुधवार सुबह हटा दिया गया है. इसके बाद नई मशीन के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है.
4. नई मशीन पार करेगी हर घंटे 5 मीटर मलबा
दिल्ली से एयरफोर्ट के तीन विमानों से एयरलिफ्ट करके नई ऑगर मशीन व कई अन्य मशीनें लाई गई हैं. इन मशीनों को लेकर दिल्ली से उड़े विमान बुधवार दोपहर करीब 12.34 बजे चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर लैंड कर गए हैं. बुधवार शाम तक ये मशीनें विमानों से अनलोड होने के बाद हादसे वाली जगह के लिए रास्ते में थीं. सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, नई ऑगर ड्रिलिंग मशीन से हर घंटे 5 मीटर का मलबा हटाकर स्टील का पाइप डाला जा सकेगा, जिससे मजदूरों तक पहुंचने में आसानी होगी.
5. ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हादसे वाली जगह तक पहुंचाई मशीनें
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, उत्तराखंड पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर चिन्योलीसौड़ हवाई पट्टी से मशीनों को हादसे वाली जगह तक पहुंचाया है. उन्होंने दावा किया कि बुधवार रात से ही ये मशीनें अपना काम करना शुरू कर देंगी. हालांकि कुछ लोगों का दावा है कि ग्रीन कॉरिडोर के बावजूद मशीन का एक हिस्सा लेकर जा रहा एक ट्रॉला रास्ते में ही एक जगह फंस गया, जिसके चलते करीब डेढ़ घंटे तक मुख्य मार्ग पर भी जाम लगा रहा है.
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