Uttarakhand Tunnel Collapse: सुरंग में घुसी NDRF टीम, थोड़ी देर बाद बाहर आ सकते हैं फंसे मजदूर, 5 पॉइंट्स में ताजा अपडेट्स

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 22, 2023, 10:35 PM IST

Uttarakhand Tunnel Accident: सिलक्यारा सुरंग में बचाव अभियान अपने फाइनल फेज में पहुंच गया है. (फोटो- PTI)

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तरकाशी के Silkyara में 41 मजदूरों को फंसे हुए 11 दिन हो गए हैं. अब महज 18 मीटर की ड्रिलिंग बची है, जिसके रात में ही पूरा होने की उम्मीद है.

डीएनए हिंदी: Uttarkashi Tunnel Collapse Latest News- उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 11 दिन से चल रही 41 मजदूरों की जिंदगी बचाने की कवायद में एक अच्छी खबर आई है. उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग के अंदर ड्रिलिंग का काम पूरा हो गया है. MDRF की रेस्क्यू टीम को सुरंग के अंदर भेज दिया गया. NDRF टीम ही मलबे के अंदर डाले गए पाइपों में से अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालकर लाएगी. हालांकि ड्रिलिंग पूरी होने की ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है, लेकिन शाम को अधिकारियों ने ऑगर मशीन से 45 मीटर तक रेस्क्यू पाइपलाइन बिछ जाने की जानकारी दी थी. तब महज 12 से 15 मीटर की ड्रिलिंग का फाइनल फेज बाकी था, जिसके बुधवार रात तक पूरा होने की संभावना जताई गई थी. इस लिहाज से माना जा रहा है कि काम पूरा हो गया है और इसी कारण NDRF की बचाव टीम को अंदर बुलाया गया है. यदि कोई अड़चन नहीं आई तो कुछ ही देर में किसी भी समय अंदर फंसे मजदूर बाहर आ सकते हैं. इस मौके का प्रत्यक्षदर्शी बनने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी देहरादून से सिलक्यारा पहुंच गए हैं. उधर, चिन्यालीसौड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बेड तैयार कर लिए गए हैं ताकि मजदूरों के बाहर आने पर उनका हेल्थ चेकअप पूरा होने तक उन्हें वहीं भर्ती रखा जा सके.

आपको 5 पॉइंट्स में विस्तार से बताते हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन का क्या ताजा अपडेट सामने आया है.

1. मलबे में 67 फीसदी ड्रिलिंग का काम पूरा

सिलक्यारा-बड़कोट निर्माणाधीन सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. ऑपरेशन की निगरानी कर रहे प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुलबे ने बुधवार को बताया कि मलबे के अंदर करीब 67 फीसदी ड्रिलिंग पूरी हो गई है. उन्होंने कहा कि पिछले एक घंटे में हुए काम से मैं बेहद खुश हूं. हमने 6 मीटर लंबा एक और पाइप अमेरिकी ऑगर मशीन की मदद से मलबे के अंदर डाल दिया है. अब तक कुल 45 मीटर पाइप डाला जा चुका है. मुझे उम्मीद है कि अगले 1-2 घंटे में मशीन फाइनल फेज का काम शुरू कर देगी. हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग का काम कर रही NHIDCL ने भी एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में बताया कि मलबे में सिलक्यारा की तरफ से 45 मीटर का पाइप अब तक डाला जा चुका है. 

2. कुल 60 मीटर करनी है मलबे में ड्रिलिंग

रेस्क्यू टीम के इंजीनियरों का आकलन है कि अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए मलबे में करीब 60 मीटर ड्रिलिंग करनी होगी. पहले मलबे में ऑगर मशीन की मदद से 900mm की गोलाई वाला पाइप डाला जा रहा था. इस पाइप के करीब 24 मीटर तक डाले जाने के बाद आगे अड़चन आ गई थी. इसी दौरान ड्रिंलिंग का काम 17 नवंबर को दोबारा मलबा गिरने पर बंद कर दिया गया था, जिसे मंगलवार (21 नवंबर) को फिर से शुरू किया गया है. अब आगे बचे हुए 36 मीटर में 800mm का पाइप डाला जा रहा है. इस पाइप की मदद से अब तक कुल 45 मीटर दूरी तय हो चुकी है. महज 15 मीटर दूरी बची हुई है, जिसके लिए 3 पाइप डालने की जरूरत है. ऑगर मशीन अपने सामने अड़चन नहीं आने पर एक घंटे में करीब 6 मीटर लंबा पाइप ड्रिल करके डाल देती है. इस लिहाज से अब 3 से 4 घंटों का काम बाकी माना जा रहा है.

3. रेस्क्यू साइट पर बुलाए गए हैं एंबुलेंस और डॉक्टर

रेस्क्यू ऑपरेशन के फाइनल फेज में पहुंचने के बाद आधी रात तक मजदूरों के किसी भी समय निकलने की उम्मीद है. ऐसे में 11 दिन से अंदर फंसे मजदूरों को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए डॉक्टरों की टीम भी एंबुलेंसों समेत मौके पर बुला ली गई है. रेस्क्यू साइट पर एंबुलेंस की लंबी लाइन दिखाई दे रही है.

4. फिट हैं अंदर मजदूर, कर रहे हैं योगा

मलबे के अंदर मजदूर जहां फंसे हुए हैं, सुरंग में वहां करीब 2 किलोमीटर लंबी और 8.5 मीटर ऊंची जगह है. ऐसे में मजदूरों के पास टहलने और खुद को चुस्त रखने के लिए पर्याप्त जगह है. पहले 4 इंच के पाइप से ऑक्सीजन अंदर भेजी जा रही थी, जिसके साथ अब एक और 6 इंच का पाइप मजदूरों तक पहुंच गया है. इस पाइप से मजदूरों को ताजी हवा मिल रही है. साथ ही उनकी जरूरत का सामान भी अंदर जा रहा है. रेस्क्यू टीम ने मजदूरों तक रोटी, सब्जी, खिचड़ी, दलिया, संतरे और केले के साथ ही दवाइयां भी भेजी हैं. साथ ही टी-शर्ट, अंडरगारमेंट्स, टूथपेस्ट और साबुन आदि भी भेजा गया है. मजदूरों में मौजूद गब्बर सिंह नेगी और सबाह अहमद उन्हें फिट रखने के लिए योगा, कीर्तन जैसी गतिविधि करा रहे हैं. साथ ही मजदूरों का हौसला भी बढ़ाया जा रहा है. 

5. झारखंड सरकार अपने मजदूरों को करेगी एयरलिफ्ट

सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे हुए 41 मजदूरों में से 15 झारखंड के रहने वाले हैं. झारखंड सरकार ने घोषणा की है कि वह अपने मजदूरों को सुरंग से बाहर निकलने के बाद एयरलिफ्ट करके उत्तराखंड से वापस लाएगी. एयरलिफ्ट करने का काम मजदूरों को डॉक्टरों द्वारा फिट घोषित करते ही किया जाएगा. मजदूरों को पहले देहरादून लाया जाएगा और वहां से झारखंड सरकार विमान भेजकर उन्हें रांची लाएगी.

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