डीएनए हिंदी: उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी की एक सुरंग में 10 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है. रेस्क्यू टीम दुनियाभर की अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल कर रही है लेकिन मजदूरों को बाहर निकालने के इंतजाम अबी तक नहीं हो पा रहे हैं. आशा और निराशा के बीच मजदूरों के परिजन फंसे हैं लेकिन अब राहतभरी एक खबर सामने आई है. मजदूरों तक रेस्क्यू टीम ने कैमरा पहुंचा दिया, जिसके बाद अपनों का चेहरा देखकर आफत में फंसे लोगों के चेहरे खिल उठे. उम्मीद है कि मजदूर सुरक्षित बाहर आ जाएंगे.
सुरंग में फंसे लोगों के परिजन कह रहे हैं कि जब तक वे बाहर निकल नहीं आते हैं, उन्हें खुशी नहीं होगी. सरकार जल्द से जल्द उन्हें बाहर निकालने की कोशिश करे. कुछ लोगों ने कहा है कि अपनों के बारे में यह जानकर बेहद खुशी मिली है कि वे स्वस्थ हैं और बाहर निकल आएंगे.
अपनों को देखकर खिल उठे चेहरे
बिहार के बांका जिले की रजनी किस्कू से जब पत्रकारों ने बातचीत की तो वे रो पड़ीं. 21 नवंबर को उनकी बात उनके पति वीरेंद्र किस्कू से हुई थी. उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग के अंदर 41 श्रमिक फंसे हैं. विरेंद्र ने अपनी पत्नी को कैमरे पर देखकर कहा कि वह जल्द ही बाहर आ जाएगा.
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सुरंग के बाहर बैठे ज्यादातर लोगों को उम्मीद है कि उनके अपने सुरक्षित बाहर आएंगे. लोग सुंरग केबाहर बैठे हैं और रेस्क्यू टीम से बार-बार पूछ रहे हैं कि मिशन कहां तक पहुंचा. लोगों को यह डर भी लग रहा है कि कहीं किसी की तबीयत न बिगड़ जाए, जिसकी कीमत जान देकर चुकानी पड़े.
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कैसा है सुरंग में फंसे मजदूरों का हाल
41 मजदूरों की सेहत बिलकुल ठीक है. उन तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है. वे बातचीत कर रहे हैं. उन्हें डर है लेकिन वे ठीक हैं. मजदूरों को खाना और पानी दिया जा रहा है. रेस्क्यू टीमें 24 घंटे काम कर रही हैं.
क्यों कैमरे की पहुंच है राहत की बात
मजदूरों की लोकेशन ढंग से ट्रेस हो रही है. अब प्लान बी के लिए रेस्क्यू टीम पूरी तरह से तैयार है. 4 इंच चौड़ी पाइप मजदूरों तक पहुंच गई है. अब उम्मीद है कि वे बाहर निकल आएंगे.
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कैसे चल रहा है रेस्क्यू
रेस्क्यू टीमें सिलक्यारा और बड़कोट की ओर से ड्रिलिंग कर रहे हैं. उर्धाध्वर और क्षैतिज खुदाई भी जारी है. करीब 86 मीटर खुदाई होने वाली है. रेस्क्यू टनल से ही मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश हो रही है.
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