डीएनए हिंदी: उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश की वजह से लोगों का हाल बेहाल है. उत्तर-पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भीषण बारिश हुई. शनिवार को गढ़वाल जिले की पौरी तहसील में भी बारिश ने तबाही मचाई है. चामी गांव के पास मलबा गिरने से यमुनोत्री नेशनल हाईवे 123 ब्लॉक हो गया है.
यमुनोत्री सड़क पर पहाड़ी मलबा गिरने की वजह दर्जनों गाड़ियां सड़क के दोनों ओर फंसे रह गए हैं. अब भी खतरा मंडरा रहा है, यही वजह है कि लोग आगे बढ़ने का जोखिम भी नहीं ले पा रहे हैं. PWD विभाग को भी मलबा हटाने में मुश्किलें आ रही हैं.
यमुनोत्री नेशनल हाईवे ब्लॉक
उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल ने कहा कि यमुनोत्री नेशनल हाईवे 123 चामी के पास भारी मलबा जमा हो गया है. सफाई के लिए जेसीबी भेजी गई है. सड़क के दोनों तरफ दर्जनों गाड़ियां जाम में फंसी हुई हैं.
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बद्रीनाथ हाईवे भी ब्लॉक
बद्रीनाथ नेशनल हाईवे भी पागल नाला और पिपलौटी के पास कई जगहों पर मलबा गिरने की वजह से ब्लॉक हो गया है. उत्तर-पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में मानसून का प्रकोप जारी है. कई सड़कें ब्लॉक हो गई हैं. भूस्खलन की वजह से बड़ी संख्या में लोग फंस गए हैं.
रेस्क्यू के लिए NDRF ने संभाली कमान
SDRF और NDRF के जवान-जगह रेसक्यू के लिए तैनात हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जारी है. मूसलाधार बारिश और बैराजों से पानी छोड़े जाने की वजह से अभूतपूर्व बाढ़ आई है.
कहां कितनी टुकड़ियां हैं तैनात?
NDRF की अलग-अलग 58 टीमें कई राज्यों में तैनात हैं. एनडीआरएफ की 16 टीमें दिल्ली में, 11 टीमें हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में और 10 टीमें पंजाब और हरियाणा में तैनात की गई हैं.
दिल्ली में अब तक 4,404 लोगों का रेस्क्यू
अब तक NDRF की टीमों ने दिल्ली के दुर्गम इलाकों से 1,423 लोगों को बचाया है और 4,404 अन्य को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है. NDRF टीमें दूसरे राज्यों में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं.
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