Uttarkashi Tunnel Rescue: मजदूरों को सुरंग से निकालने में लगेगा एक महीना, विदेशी एक्सपर्ट ने क्यों किया है ऐसा दावा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 25, 2023, 05:58 PM IST

International Tunnel Expert Arnold Dix

Uttarakhand Tunnel Collapse: सुरंग के अंदर फंसे मलबे में रेस्क्यू पाइप डाल रही मशीन के सामने बार-बार लोहे के गर्डर, सरिया आने से वह खराब हो गई है. अब भी 10 से 15 मीटर मलबा हटना बाकी है.

डीएनए हिंदी: Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Latest News- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए हरसंभव कोशिश चल रही है. अधिकारी रोजाना उम्मीद जताते हैं कि आज मजदूर बाहर निकल आएंगे, लेकिन शाम को यह उम्मीद किसी न किसी कारण से धूमिल हो जाती है. इन मजदूरों को फंसे हुए 14 दिन बीत चुके हैं. मलबे के अंदर करीब 47 मीटर पाइप डाला जा चुका है. अभी भी मजदूरों और रेस्क्यू टीम के बीच में 10 से 12 मीटर मलबे की दीवार मौजूद है. 

ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही मजदूरों के बाहर आने की खबर मिल सकती है, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद कर रहे अमेरिका के टनलिंग एक्सपर्ट आर्नोल्ड डिक्स की मानी जाए तो मजदूरों को निकालने में अभी एक महीने तक का समय लग सकता है. हालांकि उन्होंने क्रिसमस यानी 25 दिसंबर से पहले मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकल आने का दावा किया है. डिक्स के इस दावे के बाद खलबली मच गई है. हालांकि डिक्स के बयान को लेकर अभी तक सरकारी अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया है, जो अब भी अगले एक-दो दिन में खुशखबरी मिलने की बात कह रहे हैं.

ऑगर मशीन हो चुकी है खराब, अब मजदूर खोदेंगे बाकी मलबा

सुरंग के अंदर मलबे में रेस्क्यू पाइप की राह बना रही अमेरिकी ऑगर मशीन खराब हो गई है. मलबा खुदाई के आखिरी पड़ाव पर है. ऐसे में मशीन खराब होने से अब तक की मेहनत बेकार होती हुई दिख रही है. इसके चलते रेस्क्यू टीम ने अब बाकी बचे मलबे को मैनुअली खुदाई के जरिये हटाने का निर्णय लिया है. यह काम रविवार सुबह से शुरू कर दिया जाएगा. इसके अलावा वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी कल से शुरू होने की संभावना है. वर्टिकल ड्रिलिंग करने वाली मशीन भी देर शाम तक सिलक्यारा के करीब पहुंच गई थी.

ऐसे में आया है डिक्स का बयान

रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही इन परेशानियों के बीच आर्नोल्ड डिक्स का बयान आया है. डिक्स ने कहा, इन सारी परेशानियों का मतलब है कि अब से कुछ समय और लगेगा. यह एक महीने तक का समय हो सकता है और 41 लोग अपने घर सुरक्षित पहुंच जाएंगे. मैं नहीं जानता कि पक्का ऐसा कब तक होगा. मेरा मतलब है कि हमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. हमें यह बात सबसे अहम समझनी चाहिए कि सभी आदमी अपने घर सुरक्षित पहुंच जाएं. अगर जल्दबाजी की तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मुझे यकीन है कि वे क्रिसमस के समय अपने घरों में होंगे. डिक्स ने आगे कहा, शुरुआत में ही मैंने कभी वादा नहीं किया था कि यह जल्दी हो जाएगा. मैंने कभी वादा नहीं किया था कि यह आसान होगा. मैंने कभी नहीं कहा था कि यह कल ही हो जाएगा. मैंने कभी नहीं कहा कि यह आज रात में हो जाएगा. वे सुरक्षित रहेंगे. 

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