Vande Bharat Sleeper Trains: 200 की स्पीड, इन रूट्स पर दौड़ेगी, नई वंदे भारत में क्या-क्या है नया?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 20, 2023, 04:56 PM IST

Vande Bharat Sleeper: स्लीपर कोच वाली वंदे भारत एक्स्प्रेस ट्रेनों को 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाने के हिसाब से तैयार किया जा रहा है.

डीएनए हिंदी: देशभर में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. इसलिए इसके नेटवर्क को बढ़ाने के लिए तेजी से काम चल रहा है. देश को अब तक 8 वंदे भारत एक्सप्रेस मिल चुकी हैं. हालांकि, अभी तक वंदे भारत एक्सप्रेस में सिर्फ चेयर कार की व्यवस्था मिल रही थी, लेकिन अब स्लीपर कोच की व्यवस्था भी जल्द शुरू की जाएगी. रेलवे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में स्लीपर (Vande Bharat Sleeper Trains) वर्जन को डिजाइन करने का प्लान बना रहा है.

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, स्लीपर कोच वाली वंदे भारत एक्स्प्रेस ट्रेनों को 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाने के हिसाब से तैयार किया जा रहा है. हालांकि, एल्युमीनियम निर्मित स्लीपर वर्जन की ये ट्रेनें पटरियों पर 200 किमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही दौड़ेंगी. इन चेयर कार वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से शताब्दी एक्सप्रेस से बदला जाएगा, जबकि स्लीपर संस्करण राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों का विकल्प होगा. रेलवे ने 400 वंदे भारत ट्रेनों के लिए टेंडर जारी किया है और इस महीने के अंत तक काम को मंजूरी दे दी जाएगी.

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स्टील से बनेंगे ट्रेन कोच
योजना के मुताबिक, पहली 200 वंदे भारत ट्रेनों में शताब्दी एक्सप्रेस की तर्ज पर बैठने की व्यवस्था होगी और इसे 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करने के लिए डिजाइन किया जाएगा. लेकिन रेलवे ट्रैक की अपर्याप्त सुरक्षा और सुरक्षा को देखते हुए उनकी गति को शुरुआत में 130 किमी प्रति घंटे तक सीमित रखा जा सकता है. सभी ट्रेनों के कोच स्टील से बनाए जाएंगे.

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दूसरे चरण में 200 वंदे भारत ट्रेनें स्लीपर होंगी और इन्हें एल्युमीनियम से बनाया जाएगा. स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों का दूसरा संस्करण 200 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलेगा. इसके लिए दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता रेलवे की पटरियों की मरम्मत की जा रही है, सिग्नल सिस्टम, पुलों को ठीक किया जा रहा है और बाड़ लगाई जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि अगले दो वर्षों में तमिलनाडु के चेन्नई में आईसीएफ, महाराष्ट्र में लातूर रेल फैक्ट्री और हरियाणा के सोनीपत में 400 ट्रेनों को बनाया जाएगा.

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