डीएनए हिंदी: दिल्ली हाईकोर्ट चीन की स्मार्टफोन विनिर्माता कंपनी वीवो (Vivo) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बैंक खातों पर रोक लगाने के खिलाफ कंपनी की याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए शुक्रवार को राजी हो गया.
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ के समक्ष याचिका आई और वह इस पर शुक्रवार को सुनवाई करने के लिए सूचीबद्ध करने को राजी हो गई. याचिका अब न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के समक्ष सूचीबद्ध की गई है जो इस पर जल्द सुनवाई कर सकते हैं.
ईडी ने वीवो के 44 ठिकानों पर की थी छापेमारी
ईडी ने 5 जुलाई को वीवो और संबंधित फर्मों के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में कई स्थानों पर तलाशी ली थी. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में वीवो और उससे संबंधित कंपनियों से जुड़े 44 स्थानों पर तहत छापेमारी की गई थी. वीवो ने अपनी याचिका में बैंक खातों पर रोक लगाने के ईडी के आदेश को रद्द करन का अनुरोध किया है.
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ईडी ने जब्त की संपत्ति
इसकी 23 संबद्ध कंपनियों और शेष राशि को जब्त कर लिया गया है. इसके साथ ही ईडी ने कंपनी के 119 बैंक खातों में 465 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं जिसमें वीवो इंडिया के 66 करोड़ की एफडी, 2 किलो सोने की छड़ें और 73 लाख रुपये की नकदी शामिल हैं .”
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत पूरे उत्तर भारत में वीवो मोबाइल (Vivo Mobiles) की जांच की है.रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीनी मोबाइल कंपनी वीवो की पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा सारे मामलों की जांच की जा रही थी और बाद में इसे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के लिए ईडी को सौंप दिया गया था.
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