वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में नहीं चलेगा मोबाइल, गेट पर ही होगा ऐसा काम कि जेब में होने पर भी नहीं आएगा काम

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 18, 2023, 08:09 PM IST

Banke Bihari Temple में श्रद्धालुओँ की भीड़ में मोबाइल यूज करने से रोकने में मुश्किल होने के कारण यह काम किया गया है. (File Photo)

Banke Bihari Temple Latest News: बांके बिहारी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लगातार मजबूत किया जा रहा है. इसके चलते प्रशासन कोई न कोई नियम लगातार लागू कर रहा है.

डीएनए हिंदी: Mathura News- उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में भगवान श्रीकृष्ण के बांके बिहारी मंदिर में एक और नया नियम लागू कर दिया गया है. वृंदावन धाम स्थित मंदिर परिसर में अब श्रद्धालु अपने मोबाइल का उपयोग नहीं कर पाएंगे. हालांकि मोबाइल को मंदिर के अंदर लेकर जाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले श्रद्धालु को अपने मोबाइल को एक खास तरह के पाउच में पैक कराना पड़ेगा. यह पाउच श्रद्धालु खुद नहीं खोल पाएंगे, बल्कि मंदिर परिसर से बाहर निकलने के बाद सुरक्षा कोड के जरिये ही इसे खोला जा सकेगा.

बुधवार को किया गया ट्रायल

बांके बिहारी मंदिर में एंट्री से पहले श्रद्धालुओं के मोबाइल खास पाउच में बंद कराने का ट्रायल बुधवार की सुबह किया गया. मंदिर परिसर के गेट नंबर-3 पर यह ट्रायल किया गया. इस गेट से एंट्री करने वाले श्रद्धालुओं के मोबाइल प्रशासन की तरफ से तैनात कर्मचारियों ने स्पेशल पाउच में पैक करने के बाद लॉक कर दिए. लॉक वाले ये पाउच लेकर श्रद्धालु मंदिर परिसर में गए. इसके बाद बाहर निकलने पर उनके पैक दोबारा खोलकर उन्हें मोबाइल यूज करने का मौका दिया गया. 

बाहर निकलने पर क्यूआर कोड करना होगा स्कैन

श्रद्धालुओं के मोबाइल जिस स्पेशल पाउच में पैक किए गए थे, उसका लॉक एक क्यूआर कोड से बंद किया गया था. बाहर निकलने के बाद श्रद्धालुओं ने गेट पर तैनात कर्मचारियों को दोबारा अपने मोबाइल वाला पाउच दिया. कर्मचारियों ने क्यूआर कोड स्कैन किया और पाउच का लॉक खुल गया. इसके बाद श्रद्धालुओं को उनके मोबाइल दे दिए गए.

सुरक्षा कारणों से की जा रही है व्यवस्था

मंदिर परिसर के अंदर मोबाइल के जरिये सुरक्षा व्यवस्था को होने वाले खतरे से बचने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की जा रही है. मंदिर प्रबंधक मुनीश कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए एक एजेंसी नियुक्त की है. इसी एजेंसी ने बुधवार को ट्रायल किया था. गेट नंबर-3 के बाद अब यह व्यवस्था बाकी गेट पर भी शुरू की जाएगी. उन्होंने बताया कि मोबाइल पाउच ऐसे हैं कि श्रद्धालु इसे खुद खोलकर मोबाइल का मंदिर के अंदर यूज नहीं कर सकते हैं. इसे एक सॉफ्टवेयर की मदद से ही खोला जा सकता है, जो पाउच पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करने पर ही एक्टिव होकर उसे अनलॉक करता है. 

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