Waqf Bord Bill: वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कम किया जाए या नहीं. इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट आना अभी बाकी है, लेकिन इसे लेकर गुरुवार को JPC बैठक में जबरदस्त हंगामा हो गया. मुंबई में स्टेकहोल्डर्स की राय लेने के लिए आयोजित बैठक के बीच में ही शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस के दो सांसद आपस में भिड़ गए. पहले दोनों में तूतू-मैंमैं हुई और फिर बात हाथापाई तक पहुंचती दिखाई देने लगी. इस पर बाकी सदस्यों ने उन्हें रोका और फिर उन्हें मीटिंग से बाहर भेज दिया गया.
TMC सांसद ने की थी एक वक्ता को रोकने की कोशिश
मुंबई में गुरुवार को JPC बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में वक्फ बोर्ड बिल पर राय रखने के लिए कई स्टेकहोल्डर्स को बुलाया गया था. बैठक के दौरान वक्फ बोर्ड बिल का समर्थन कर रहे एक संगठन गुलशन फाउंडेशन के वक्ता को TMC सांसद कल्याण बनर्जी बीच में ही रोकने की कोशिश करने लगे. इस पर बनर्जी को शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने टोक दिया. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, म्हस्के के टोकने पर बनर्जी उनसे भिड़ गए और दोनों के बीच जमकर बहस हो गई. यह तीखी बहस आपसी हाथापाई में बदलती हुई दिखने लगी. इस पर जेपीसी अध्यक्ष ने बीच में हस्तक्षेप किया और फिर अन्य सदस्य भी दोनों को रोकने लगे.
दोनों को निकाला गया बैठक से बाहर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, म्हस्के और बनर्जी को बैठक से बाहर निकाल दिया गया. इसके बाद बैठक को दोबारा शुरू किया गया. हालांकि इस दौरान भी विपक्षी दलों के सांसद लगातार हंगामा करते रहे. बाद में उन्होंने भी मीटिंग का बहिष्कार कर दिया.
'विपक्षी दलों में चल रही ज्यादा से ज्यादा चिल्लाने की स्पर्धा'
बाद में नरेश म्हस्के ने मीडिया से बातचीत में इस विवाद की जानकारी दी. उन्होंने कहा,'बैठक में अपनी बात रख रहे लोगों पर विपक्ष के नेता कल्याण बनर्जी चिल्लाकर उन्हें बाहर निकालने की धमकी दे रहे थे. यह महाराष्ट्र है. यहां ये तरीका नहीं चलने देंगे. बैठक में आए लोग JPC के मेहमान थे. उनका वक्फ बोर्ड बिल के पक्ष में बोलने पर अपमान करना कौन सा तरीका है? विपक्षी दलों में इस समय ज्यादा से ज्यादा बिल के खिलाफ चिल्लाने की आपसी स्पर्धा चल रही है. लेकिन महाराष्ट्र में मैं किसी मेहमान का अपमान सहन नहीं करूंगा. गवाहों का आदर करना हमारी जिम्मेदारी है.'
वक्फ बोर्ड बिल को लेकर मिल चुके हैं 1.25 करोड़ पत्र
वक्फ बोर्ड बिल पर बनी जेपीसी को अब तक 1.25 करोड़ पत्र मिल चुके हैं, जिनमें इस बिल को लेकर राय रखी गई है. ये पत्र विदेशों से भी आ रहे हैं. इसके पीछे जेपीसी मेंबर और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने साजिश की आशंका जताई है. उन्होंने समिति अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र लिखकर इसकी जांच का आदेश देने का आग्रह किया है. उन्होंने इसके पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने की आशंका जताई है.
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