Weather Updates: जून में कम बरसे बादल, फिर भी सामान्य से 2 फीसदी ज्यादा बारिश, अगस्त को लेकर IMD ने दी ये चेतावनी

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Aug 02, 2024, 07:04 AM IST

Weather Updates: मौसम विभाग का अनुमान है कि अगस्त में प्रशांत महासागर में ला नीना के अनुकूल हालात बन रहे हैं, जो भारत में बेहद ज्यादा मानसूनी बारिश में मदद करता है.

Weather Updates: इस बार भले ही मई और जून में आप बारिश के लिए लगभग तरस गए हों, लेकिन जुलाई के दौरान देश में इतनी झमाझम बारिश (Monsoon Rain in India) हुई है कि अधिकतर राज्यों में बाढ़ के कारण तबाही जैसे हालात हैं. जून में कम बरसने के बावजूद जुलाई में हुई झमाझम के चलते अब तक देश में सामान्य से 2 फीसदी ज्यादा मानसूनी बारिश हो चुकी है, लेकिन यदि आप सोच रहे हैं कि बारिश का मौसम बस यहीं खत्म होने वाला है तो आप गलत हैं. दरअसल असली पिक्चर देखना अभी बाकी है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अगस्त के दौरान देश में सामान्य से ज्यादा बारिश देखने को मिल सकती है. दरअसल प्रशांत महासागर में ला-नीना (La Nina) के अनुकूल हालात बनते दिख रहे हैं, जिससे भारत में बादल और ज्यादा पानी लाकर बरसते दिखाई देंगे. 

445 के मुकाबले अब तक बरसा 453 मिमी पानी

IMD चीफ मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक, 'जून-जुलाई में देश में सामान्य तौर पर 445.8 मिमी बारिश दर्ज की जाती है, लेकिन इस बार इन दोनों महीनों में यानी 1 जून से 31 जुलाई तक देश में 453.8 मिमी बारिश दर्ज हुई है, जो सामान्य से 2 फीसदी ज्यादा है. जून में कम बारिश हुई थी, लेकिन जुलाई में हुई बारिश ने उसकी भरपाई कर दी है. भारत में जुलाई में सामान्य से नौ प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. इस लिहाज से इस सीजन में मानसून की बारिश देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा दर्ज होने का अनुमान है.'

अगस्त के लिए दी है ये चेतावनी

IMD चीफ ने कहा कि प्रशांत महासागर में ला-नीना के अनुकूल हालात बनते दिख रहे हैं. ला-नीना पर ही भारतीय उपमहाद्वीप में मानूसनी बारिश निर्भर करती है. ला-नीना में प्रशांत महासागर में पानी का तापमान सामान्य से काफी कम हो जाता है, जिससे भारत में ज्यादा बारिश होती है. अगस्त में ये हालात बने तो मानसूनी बारिश का जोर और ज्यादा बढ़ने के अनुमान है यानी अगस्त में जुलाई से भी ज्यादा पानी बरसता हुआ दिखाई दे सकता है. हालांकि इस दौरान पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों, पूर्वी भारत से सटे इलाकों, लद्दाख, सौराष्ट्र, कच्छ और मध्य या प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में बारिश सामान्य से कम दर्ज की जा सकती है, लेकिन बाकी देश में अगस्त में और ज्यादा झमाझम पानी बरसता दिख सकता है.

खेती-किसानी को हुआ है फायदा

देश की 52 फीसदी खेती मानसूनी बारिश पर ही निर्भर करती है. इस कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मानसून बेहद अहम माना जाता है. IMD प्रमुख महापात्र ने बताया कि इस बार मध्य भारत में 33 फीसदी ज्यादा बारिश होने से कृषि को लाभ हुआ है, जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 23 फीसदी तथा उत्तर-पश्चिम भारत में 14 फीसदी कम बारिश हुई है. मानसून के बादल इस बार दक्षिण में ज्यादा देर तक अटके रहने के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप में 36 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. इसके उलट पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों, पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों और बिहार में बेहद कम बारिश हुई है. उत्तर-पश्चिम भारत में 35 से 45 फीसदी तक कम बारिश हुई है. इसका सबसे ज्यादा असर हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर पर रहा है. हालांकि इन इलाकों में अगस्त-सितंबर में अच्छी बारिश का अनुमान है.

सामान्य से ज्यादा रहेगा देश का तापमान

आईएमडी चीफ ने देश के अधिकतर इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान जताया है यानी धरती ज्यादा तपती दिखाई देगी. हालांकि गंगा के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और दक्षिण-पूर्वी तटीय इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहेगा.

(With PTI Input)

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.