डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव मंजूर कर लिया है. शुभेंदु अधिकारी ने सदन में उनके भाषण में खलल डालने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चार बागी विधायकों को आयकर के छापों की कथित तौर पर धमकी दी थी.
विधानसभा अध्यक्ष बिमन बनर्जी (Biman Banerjee) ने गुरुवार को सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होने पर घोषणा की कि सदन ने अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और इसे विशेषाधिकार समिति को भेजा जा रहा है. सत्ता पक्ष ने मेजें थपथपाकर इस घोषणा का स्वागत किया जबकि बीजेपी विधायकों ने विरोध किया.
घोषणा के बाद राज्य के बजट पर चर्चा शुरू हुई जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायकों ने भाग लिया. बीजेपी के चार बागी विधायक कृष्णा कल्याणी, तन्मय घोष, सौमेन रॉय और बिस्वजीत दास सदन की सदस्यता से इस्तीफा दिए बगैर पिछले साल तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए थे. उन्हें दल-बदल रोधी कानून के तहत अभी तक अयोग्य घोषित नहीं किया गया है.
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क्यों बढ़ी शुभेंदु अधिकारी की मुश्किलें?
बुधवार को जब शुभेंदु अधिकारी गृह विभाग के बजट पर सदन में बोल रहे थे तो चारों विधायक राज्य सरकार के खिलाफ झूठ बोलने के लिए बार-बार उन्हें टोक रहे थे. जब नाराज दिख रहे नेता प्रतिपक्ष सदन से बाहर जा रहे थे तो उन्होंने उनके भाषण में खलल डालने के लिए उन्हें कथित तौर पर आयकर छापे पड़वाने की धमकी दी.
धमकी के बाद चारों विधायकों ने अध्यक्ष से शिकायत की जिन्होंने शिकायत पर संज्ञान लिया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चारों विधायकों को सदन के नियमों के अनुसार सुरक्षा दी जाएगी. शुभेंदु अधिकारी ने आरोपों को निराधार बताया है.
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आरोपों पर क्या बोले शुभेंदु अधिकारी?
शुभेंदु अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि जिस तरीके से सत्तारूढ़ पार्टी दल बदलू विधायकों का इस्तेमाल कर मेरे भाषण के दौरान बाधा डालने की कोशिश कर रही थी वह अभूतपूर्व है. पहले उन्हें आरोप साबित करने दीजिए, उन्हें विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने दीजिए.
एक बागी विधायक सौमेन रॉय ने सदन के बाहर यह भी आरोप लगाया कि अधिकारी ने उन्हें गोली मारने की धमकी दी थी. राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, चारों विधायकों को पुलिस की अतिरिक्त सुरक्षा दी जा रही है. अध्यक्ष से भी अनुरोध किया गया है कि इन विधायकों को सदन में अलग सीटें दी जाए. फिलहाल ये विधायक विपक्ष के विधायकों के लिए तय सीटों पर ही बैठते हैं. (भाषा इनपुट के साथ)
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