डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में उत्तर दिनाजपुर जिले के पूरे कालियागंज शहर में हालात अब तक संभले नहीं हैं. हिंसाग्रस्त शहर में प्रशासन ने मजबूरन धारा 144 लागू किया है. कर्फ्यू की स्थिति 30 अप्रैल तक बनी रहेगी. रविवार को पहले शहर के कुछ हिस्सों में यह आदेश लागू किया गया था, फिर सुरक्षा के मद्देनजर पूरे शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है.
बीते सप्ताह एक 17 वर्षीय लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या को लेकर शहर में हिंसा हुई थी. वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने मृतका के परिजनों से मुलाकात की और आरोप लगाया कि सच्चाई को दबाने की कोशिश की गई है.
एक लड़की की मौत, अनसुलझे सवाल और भड़क गई हिंसा
अरुण हलदर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर वोट बैंक की राजनीति के लिए एक समुदाय विशेष को बचाने का आरोप लगाया. लापता होने के एक दिन बाद लड़की शुक्रवार सुबह कालियागंज की नहर में मृत पाई गई. उसके परिवार का आरोप है कि हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया. मौत से इलाके में हिंसा भड़क गई और कालियागंज थाने में आग लगा दी गई.
NCSC के वाइस प्रेसीडेंट गु्स्से में क्यों हैं?
अरुण हलदर ने कहा कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो किसी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया. उन्होंने कहा, 'जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को उपस्थित होना चाहिए था, लेकिन वे उपस्थित नहीं थे. कम से कम जांच अधिकारी को तो मौजूद होना चाहिए था, लेकिन वह भी नहीं थे. आप मेरा अपमान नहीं, बल्कि एक संवैधानिक पद का अपमान कर रहे हैं.'
जानलेवा हो गई थी इलाके में हिंसा
कालियागंज में हिंसा के दौरान घायल हुए पुलिस के नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक की इलाज के दौरान बृहस्पतिवार को मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि मिज़ानुर रेहमान पुलिस के नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक थे. उन्होंने बताया कि मंगलवार को कालियागंज में हुई हिंसा में वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे. सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. (इनपुट: PTI)
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