West Bengal Panchayat Chunav: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान जगह-जगह हिंसा, कई मौतें, ममता सरकार पर विपक्ष ने उठाए सवाल
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में भड़की है हिंसा (तस्वीर-PTI)
West Bengal Panchayat Polls: राज्य में चुनाव से जुड़ी हिंसा में प्रचार के दौरान ही 18 लोग मारे जा चुके थे. इसी कारण सेंट्रल फोर्स तैनात की गई है. इसके बावजूद हिंसा सुबह से ही शुरू हो गई है.
डीएनए हिंदी: West Bengal Panchayat Election 2023- पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए वोटिंग शनिवार 8 जुलाई को खत्म हो गई. 73,887 पंचायत सीटों के मतदाताओं ने वोट किया. मतदान के दौरान जमकर हिंसा भड़की कई जगह पोलिंग बूथ पर चाकूबाजी हुई है, जबकि देशी बमों से भी हमला किया गया है. हिंसा में अब तक 13 लोगों के मरने की खबर है, जबकि कई जगह पोलिंग बूथ पर बैलेट बॉक्स लूट लिए गए हैं. मरने वालों में टीएमसी के 3 और भाजपा के 2 कार्यकर्ता भी शामिल हैं. राज्यपाल का काफिला कई जगह लोगों की भीड़ ने रोककर हिंसा की शिकायत की है. भाजपा और टीएमसी ने एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं पर हिंसा करने का आरोप लगाया है.
पढ़ें Live अपडेट्स-
- पश्चिम बंगाल चुनाव में भड़की हिंसा पर कांग्रेस ने मांग की है कि यह चुनाव रद्द होना चाहिए.
- पश्चिम बंगाल में अलग-अलग जगहों पर भड़की हिंसा में अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में टीएमसी, बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं. इसके अलावा हिंसा की चपेट में आने से एक निर्दलीय पार्टी के समर्थकों की भी मौत हो गई है.
- भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में राज्य चुनाव आयोग का ऑफिस घेरकर धरना शुरू कर दिया है. पार्टी का आरोप है कि आयोग ने सुरक्षा बलों को जानबूझकर सही तैनाती नहीं दी है.
- पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने नॉर्थ 24 परगना में हिंसा पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा, मैं सुबह से ही फील्ड में हूं. लोग मेरा काफिला रोककर आसपास हो रही घटनाएं बता रहे हैं. बता रहे हैं कि गुंडे मतदान केंद्र नहीं जाने दे रहे. हत्याओं की जानकारी दे रहे हैं.
- मुर्शिदाबाद के प्रसादपुर ग्राम पंचायत में चुनाव के दौरान उपद्रवियों और पुलिस के बीच झड़प हुई।
- नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम में हिंसा पर कहा कि TMC के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत से इतनी हत्या हो रही हैं. ममता बनर्जी हिंसा के लिए ज़िम्मेदार है.
- कूचबिहार की फलीमारी ग्राम पंचायत में पोलिंग बूथ पर गुंडों के हमले में भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की मौत हो गई. भाजपा उम्मीदवार माया बर्मन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बूथ पर मतदान रोक दिया गया है. माया ने बताया कि TMC के गुंडों ने मेरे एजेंट पर बम फेंका और उसे मार दिया. उन्होंने मुझ पर भी हमला किया.
- नॉर्थ 24 परगना की कदंबगाची ग्राम पंचायत के पिरगाचा में निर्दलीय प्रत्याशी के बूथ एजेंट की कथित हत्या के बाद ग्रामीण भड़क गए हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया है.
- मुर्शिदाबाद के रेजीनगर थाना क्षेत्र के बेलडांगा टू ब्लॉक के नाजिरपुर में यासीन शेख नाम के एक तृणमूल कार्यकर्ता के ऊपर बम फेंककर उसकी हत्या कर दी गई है.
- मुर्शिदाबाद के खरग्राम में टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई है. उसका शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
- नॉर्थ 24 परगना के बासुदेबपुर में पोलिंग बूथ पर जा रहे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद का काफिला माकपा उम्मीदवारों ने घेरकर रोक लिया है.
- कूचबिहार जिले के सिताई में बाराविता प्राइमरी स्कूल में बने पोलिंग बूथ पर हमला हुआ है. हमले में बूथ को तहस-नहस कर दिया गया है और बैलेट बॉक्स लूट लिए गए हैं.
- पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सबोंग थाना एरिया में एक भाजपा कार्यकर्ता की सिर काटकर हत्या कर दी गई है. दांड्रा क्षेत्र नंबर-3 के खिलौना साउथ बूथ इलाके में हुई इस घटना का आरोप तृणमूल कार्यकर्ताओं पर लगा है, जिसमें दो तृणमूल कार्यकर्ता स्वप्न मंडल और मानस गायेन भी गंभीर रूप से घायल हैं.
पहले ही उठ रहे थे हिंसा को लेकर सवाल
पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान ही जबरदस्त हिंसा हुई थी, जिसमें 8 जून को नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से 18 लोग मारे गए थे. मतदान से एक दिन पहले यानी 7 जुलाई को भी मुर्शिदाबाद में एक कांग्रेस वर्कर की हत्या की गई है. हिंसा को लेकर हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक ने राज्य की ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC की सरकार को फटकार लगाई है. इसके बावजूद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक सभी के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए राज्य को मिलने वाली सेंट्रल फोर्स की 822 कंपनियों में से 7 जुलाई की शाम तक महज 585 ही पहुंची थीं यानी सेंट्रल फोर्स की करीब 40% कमी मतदान में दिखाई देगी.
राज्य में लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) का सेमीफाइनल माना जा रहा है. आम चुनाव 2024 (General Election 2024) से पहले राज्य में यह आखिरी अहम चुनाव है, जिसमें भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच जोर आजमाइश होनी है. साथ ही वामपंथी दलों और कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव अपनी हालत जानने का आखिरी मौका है. चुनाव में 5.67 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. ग्राम पंचायतों की 63,239 सीट, पंचायत समिति की 9,730 सीट और जिला परिषदों की 928 सीटों के लिए मतदाता मतदान के दौरान अपना प्रतिनिधि चुनेंगे. चुनाव के दौरान सत्ताधारी TMC ने केंद्र की भाजपा सरकार पर राज्य के विकास के लिए पर्याप्त फंड नहीं देने को मुद्दा बनाया है. खासतौर पर उसने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा (MGNREGA) के लिए फंड नहीं मिलने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है, जो मतदाताओं के मन को छू सकता है. इसके उलट भाजपा ने कैंपेन के दौरान ग्राम पंचायतों के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है.
कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा है चुनाव
पंचायत चुनाव में सभी तरह की कुल 73,887 सीटों पर मतदान होना है. टीएमसी ने इनमें से 72,000 सीटों पर कैंडिडेट उतारे हैं, जबकि भाजपा ने करब 46,000 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की है. माकपा ने 42,000 सीटं पर और कांग्रेस ने 14,000 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं. ग्राम पंचायत चुनावों में करीब 20,000 निर्दलीय मतदाता भी हैं. राज्य में चुनाव के लिए 61,636 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं, जिन पर बैलेट पेपर से चुनाव आयोजित हो रहा है.
सुरक्षा बलों पर एक महीना लंबी कानूनी लड़ाई बेकार
राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के विरोध में ममता बनर्जी की सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक करीब एक महीना लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. हाई कोर्ट की तरफ से राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सेंट्रल फोर्स की 822 कंपनियां यानी करीब 65,000 जवान तैनात करने का आदेश दिया गया. ये जवान मतदान के भी 10 दिन बाद तक तैनात रहने हैं ताकि चुनाव के बाद होने वाली हिंसा पर भी काबू रखा जा सके. पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (WBSEC) ने पोलिंग बूथ पर केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की संख्या के बराबर राज्य पुलिस के जवान तैनात करने का निर्णय लिया था. इससे राज्य में सुरक्षा को लेकर कंफ्यूजन के हालात बने हुए हैं. केंद्र से भी पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं भेजे गए हैं. The Hindu की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार शाम तक राज्य में सेंट्रल फोर्सेज की 585 कंपनी ही पहुंची थीं. हालांकि बाकी कंपनियों को शनिवार को सीधे पोलिंग बूथ पर एयरलिफ्ट करने की बात कही गई है.
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