डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव इस बार हिंसा की भेंट चढ़ गए. शायद ही कोई ऐसा जिला हो, जहां हिंसा न हुई हो. कई जगहों पर बैलेट पेपर लूटते लोग नजर आए तो कई जगहों पर लोग बम फेंकते नजर आए. राज्य में चुनावों के दौरान भीषण अराजकता नजर आई. चुनाव के दौरान ऐसी हिंसक झड़पें देश के किसी भी हिस्से में नजर नहीं आई थीं.
पंचायत चुनावों के मतदान के दौारन भड़की हिंसा में कम से कम 15 लोगों की मौत हो हुई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से फोन पर हिंसा के बारे में जानकारी ली है. मारे गए लोगों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के आठ सदस्य, CPI (M) के तीन सदस्य, BJP और कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता शामिल थे.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुर्शिदाबाद में 3 टीएमसी सदस्यों और एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या हुई है, वहीं कूच बिहार में 2 लोग मारे गए हैं. पूर्वी बर्दबान में दो CPI (M) कार्यकर्ता और एक टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या हुई है. मालदा में एक टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हो गई, जबकि दक्षिण 24 परगना में एक अन्य टीएमसी कार्यकर्ता की जान चली गई.
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ. राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लगभग 5.67 करोड़ मतदाताओं ने जन प्रतिनिधियों का भविष्य तय किया है.
किन जगहों पर ज्यादा भड़की है हिंसा
हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का कपसडांगा इलाका हुआ है. यहां टीएमसी कार्यकर्ता बाबर अली की हत्या कर दी गई. जब उसे बहरामपुर के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल लाया गया तो लोगों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले के रेजीनगर में एक क्रूड बम विस्फोट में एक टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हो गई. जिले के खारग्राम में एक और तृणमूल कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी गई.
शनिवार को कूचबिहार जिले के फलीमारी में अज्ञात बदमाशों ने भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी. पूर्वी बर्दवान जिले के औसग्राम के एक CPI (M) कार्यकर्ता रजिबुल हक ने कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दम तोड़ दिया. झड़प में घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था. हक को पहले बर्दवान जिला अस्पताल ले जाया गया और बाद में उनकी हालत बिगड़ने पर कोलकाता रेफर कर दिया गया.
हिंसा में सने हैं हर दल के हाथ
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पूर्वी बर्दवान के नंदीग्राम में CPI (M) कार्यकर्ताओं ने बांस की लाठियों से गौतम रॉय पर हमला बोला जिसमें उसकी मौत हो गई. वह टीएमसी कार्यकर्ता था. कटवा उपमंडल अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया. पूर्वी मिदनापुर के सोनाचुरा ग्राम पंचायत के तृणमूल बूथ अध्यक्ष देवकुमार राय पर कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ता सुबल मन्ना और उनके सहयोगियों ने हमला किया. जलपाईगुड़ी में एक तृणमूल उम्मीदवार पर कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हमला किया.
हिंसा पर बीजेपी, टीएमसी की प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने पंचायत चुनावों में भड़की हिंसा पर कहा है कि यह चुनाव नहीं, चुनाव के नाम पर एक तमाशा था. उन्होंने कहा, 'जब चुनाव आयोग और सरकार मिलकर यह निर्णय लेते हैं कि सत्तारूढ़ टीएमसी चुनाव लूटेगी, तो अब जो हो रहा है वही होगा. केंद्रीय बल यहां आए लेकिन उन्हें बूथों पर नहीं भेजा गया. टीएमसी, बीजेपी और अन्य जगहों पर हमला हो रहा है. यह चुनाव के नाम पर एक तमाशा लगता है. हम इसे चुनाव नहीं कह सकते हैं.'
टीएमसी ने उन विपक्षी दलों पर निशाना साधा जो हिंसा के बीच राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रहे थे. पार्टी ने सवाल उठाया कि चुनाव के लिए लाए गए केंद्रीय बल कहां थे.
जगह-जगह हिंसा और बैलेट लूट, राज्य में हुई जमकर हिंसा
मालदा जिले में कांग्रेस समर्थकों के साथ झड़प में एक टीएमसी नेता के भाई की मौत हो गई. घटना मानिकचक थाना क्षेत्र के जिशारतटोला में हुई. मृतक की पहचान मालेक शेख के रूप में हुई है. नादिया जिले के गजना ग्राम पंचायत में BJP नेताओं ने कथित तौर पर बिना किसी उकसावे के एक टीएमसी कार्यकर्ता पर हमला किया. पुलिस ने आरोपियों बिस्वनाथ घोष, गौतम घोष, अमित घोष, भरत घोष, देबकुमार घोष और लबकुमार घोष की पहचान कर ली है.
नारायणपुर-1 ग्राम पंचायत में एक टीएमसी उम्मीदवार के पति पर कथित तौर पर CPI (M) कार्यकर्ताओं ने हमला किया. टीएमसी का आरोप है कि मतदान शुरू होने से ठीक पहले CPI कार्यकर्ताओं ने हसीना सुल्ताना के पति पर फायरिंग की. कुछ इलाकों से बैलेट पेपर लूटने और वोटरों को डराने धमकाने की खबरें सामने आई हैं. कुछ जगहों पर बमबाजी हुई है.
2 लाख से अधिक उम्मीदवार मैदान में
राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली की 73,887 सीटों के लिए कुल 2.06 लाख उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. 8 जून को चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद राज्य भर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं हैं. 13 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. 22 जिलों में 63,229 ग्राम पंचायत सीटें और 9,730 पंचायत समिति सीटें हैं.
पुलिस हिंसा रोकने में दिखी नाकाम
चुनाव के लिए लगभग 70,000 राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बलों की कम से कम 600 कंपनियां तैनात की गई हैं. आरोप है कि केंद्रीय कंपनियों को स्थानीय प्रशासन ने तैनात ही नहीं होने दिया. राज्य में भीषण हिंसा भड़की है, जिसमें पूरा प्रदेश जलता नजर आया.