क्या होता है Common University Entrance Test, जानिए इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब 

| Updated: Mar 22, 2022, 11:12 PM IST

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित एक कम्प्यूटरीकृत परीक्षा है. इसके बारे में अधिक जानने के लिए, पढ़ें.

डीएनए हिंदीः  राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहला कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट लेने वाली है. इसकी घोषणा यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार द्वारा की गई है. कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) इस साल जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाएगा.

जगदीश कुमार ने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) एक कम्प्यूटरीकृत परीक्षा है जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित किया जाएगा. प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू होगी. यानी अब से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के अंकों के आधार पर होगा.

जगदीश कुमार ने कहा कि अब से 12वीं के बोर्ड के अंकों का एडमिशन लेने में कोई महत्व नहीं दिया जाएगा. हालांकि, कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए पात्रता मानदंड के रूप में बोर्ड परीक्षा के अंकों को भी रखा जाएगा. 

अब 12वीं के नंबरों के आधार पर नहीं होगा एडमिशन
इस साल से 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम के आधार पर एडमिशन नहीं किया जाएगा. कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में बैठने के लिए उम्मीदवारों को केवल मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं में पास होना आवश्यक है. इसका मतलब है कि अब से दिल्ली विश्वविद्यालय की कट-ऑफ का कोई रोल नहीं रहेगा. 2021 में डीयू के सात कॉलेजों ने कुल 10 कोर्स में प्रवेश लेने के लिए 100% अंकों की मांग की थी. 

पढ़ें- Petrol-Diesel के बाद घरेलू LPG भी हुई महंगी, अब इस कीमत पर मिलेगा Gas Cylinder

क्या अभी भी आरक्षित सीटें होंगी?
कॉमन एंट्रेंस टेस्ट आरक्षित सीटों के कोटे को प्रभावित नहीं करेगा लेकिन सभी विद्यार्थियों को परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लेना होगा. रिजर्व सीट्स आने के लिए अप्लाई करने वाले विद्यार्थियों को भी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के जरिए ही प्रवेश लेने होगा. यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों की आरक्षण नीतियां और अध्यादेश में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. 

परीक्षा कैसे आयोजित की जाएगी?
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित एमसीक्यू से प्रश्न पूछे जाएंगे. गलत उत्तर देने पर विद्यार्थियों की नेगेटिव मार्किंग की जाएगी. यह टेस्ट हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असमिया, बंगाली, पंजाबी, ओडिया, अंग्रेजी में आयोजित किया जाएगा. परीक्षा दो शिफ्ट में आयोजित की जाएगी. अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को सीयूईटी से छूट दी गई है, उनका प्रवेश नंबरों के आधार पर किया जाएगा. 

पढ़ें- Boeing 737 की ​कितनी है कीमत, इसमें बैठ सकते हैं एक साथ इतने लोग?

तीन खंड़ों में विभाजित होगा टेस्ट 
खंड I - पढ़ने की समझ, मौखिक क्षमता, समानार्थक शब्द और विलोम.
खंड II - विषय-विशिष्ट टेस्ट के लिए अब तक 27 विषयों को सूचीबद्ध किया गया है. 
खंड III - इसमें दो उप-खंड होंगे, जिसमें सामान्य प्रश्न और पात्रता परीक्षण किया जाएगा. 

कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के तहत कौन से विश्वविद्यालय आएंगे?
कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के तहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ओपन विश्वविद्यालय आएगा. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भी अब कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट लिया जाएगा. 

हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.