हलाल चाय क्या है? पैसेंजर ने मचाया ट्रेन में गदर, VIDEO वायरल

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 22, 2023, 05:21 PM IST

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वीडियो.

'चाय वेज ही होती है सर.' एक ट्रेन में पैसेंजर ने ऐसा बवाल काटा कि रेलवे कर्मचारियों की हेकड़ी निकल गई. आइए जानते हैं क्यों भड़का है बवाल.

डीएनए हिंदी: 'सावन का महीना चल रहा है और हमें हलाल सर्टिफाइड चाय पिला रहे हैं. ये क्या है?' एक ट्रेन में एक यात्री ने ऐसा हंगामा खड़ा किया रेलवे अधिकारियों का सफाई देते-देते बुरा हाल हो गया. यात्री के साथ नोकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
 
पैसेंजर ने रेलवे कर्मचारियों से सवाल किया कि हलाल-प्रमाणित चाय क्या है और इसे सावन के महीने में क्यों परोसा जा रहा है? रेलवे स्टाफ ने नाराज यात्री को समझाया कि चाय वैसे भी शाकाहारी होती है लेकिन आपको ऐसा क्यों लग रहा है.

'सावन के महीने में हलाल सर्टिफाइड चाय देने पर बवाल'

यात्री ने कहा, 'सावन का महीना चल रहा है, और आप मुझे हलाल सर्टिफाइड चाय पिला रहे हैं. हमें पूजा करना है. चाय की पैकेजिंग की जांच करते हुए अधिकारी कहता है, यहां देखिये ये क्या है? इस पर गुस्साया यात्री कहता है, 'आप समझाएं कि हलाल-सर्टिफाइड क्या है. हमें पता होना चाहिए. हम तो ISI प्रमाणपत्र के बारे में जानते हैं. आप बताएं कि हलाल-प्रमाणपत्र क्या है.'

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रेलवे अधिकारी ने गुस्साए यात्री को समझाने की कोशिश की. 'यह मसाला चाय प्रीमिक्स है. और वह आगे बताते हुए कहता है यह 100 प्रतिशत वेजेटेरियन है.' यात्री सवाल करता है कि हलाल सर्टिफाइड क्या है? मुझे इसके बाद पूजा करनी है. तभी अधिकारी पूछता है क्या आप वीडियो बना रहे हैं.


'चाय शाकाहारी ही होती है'

पैसेंजर ने कहा, 'मुझे कोई धार्मिक सर्टिफिकेट नहीं चाहिए. प्लीज इन भावनाओं को ध्यान में रखें. फिर स्वास्तिक प्रमाण पत्र लगाएं. ठीक है, इसे ध्यान में रखूंगा.' यह वीडियो वायरल हो गया है. कई यूजर इस हलाल टी पर सवाल खड़े कर रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि चाय प्रीमिक्स को हलाल सर्टिफिकेट की जरूरत क्या है. कुछ यूजर्स ने रेलवे अधिकारी के धैर्य की सराहना की, जिन्होंने अपना धैर्य नहीं खोया और यात्री को समझाया कि चाय डिफ़ॉल्ट रूप से शाकाहारी है.

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हलाल सर्टिफिकेट क्या है?

हलाल सर्टिफिकेट पहली बार साल 1974 में मांस के लिए जारी होता था. 1993 तक, केवल मांस के उत्पादों पर इसे लागू किया जाता था. फिर खाद्य पदार्थों, सौंदर्य प्रसाधनों और दवाओं तक के लिए इसे लागू कर दिया गया.

अरबी में, हलाल का अर्थ है अनुमति योग्य और हलाल-प्रमाणित का तात्पर्य इस्लामी कानून का पालन करते हुए तैयार किए गए भोजन से है. हलाल मांस का मतलब है जब जानवर को गले से काटकर मारा जाता है.

2022 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर हलाल सर्टिफिकेशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. कहा गया था कि 15 फीसदी आबादी की वजह से 85 फीसदी नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.

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