कहां है कोरोमंडल एक्सप्रेस का ड्राइवर, परिवार को क्यों नहीं मिल रही मिलने की इजाजत?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 18, 2023, 02:22 PM IST

Balasore Train Accident 

Balasore Train Accident: 2 जून को ओडिशा ट्रेन के बालासोर में तीन ट्रेनों के टकराने से भीषण हादसा हुआ था जिसमें करीब 275 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 1000 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.

डीएनए हिंदी: ओडिशा ट्रेन हादसे के लगभग तीन हफ्ते हो चुके हैं लेकिन कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट का अभी भी कुछ अता-पता नहीं है. ट्रेन ड्राइवर के परिजनों को उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गई है. कटक शहर से 10 किलोमीटर दूर नाहरपाड़ा गांव में हर जगह इसी बात की चर्चा है कि आखिर कोरोमंडल एक्सप्रेस के ड्राइवर कहां हैं. कई लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या ट्रेन ड्राइवर गुनानिधि मोहंती बहुत तेज गति से ट्रेन चल रहे थे? हालांकि उनके पिता कयासों को सिरे से खारिज कर रहे हैं.

बता दें कि लोको पायलट मोहंती से मिलने से रोक पर उनका परिवार चिंतित है और इस बात को लेकर क्रोधित हैं कि आखिर मोहंती अभी कहां हैं. अपने बेटे की स्थिति को लेकर चिंता में लोकोपायलट के पिता बिष्णु चरण मोहंती ने कहा कि गांव में हर कोई सोचता है कि दुर्घटना के लिए मेरा बेटा जिम्मेदार है, लेकिन वह पिछले 27 सालों से ट्रेन चला रहा है और उसने कभी गलती नहीं की.

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बेटे का इंतजार कर रहे हैं पिता

उन्होंने कहा कि उन्हें कैसे पता चलेगा कि उस शाम क्या हुआ था? उन्होंने अपने बेटे से बात भी नहीं की है. उनका कहना है कि वे केवल अपने बेटे के घर आने का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि 2 जून को गुणानिधि मोहंती खड़गपुर से भुवनेश्वर तक कोरोमंडल एक्सप्रेस चला रहे थे. इसी दौरान बालासोर के बहानगा बाजार में ट्रेन एक लूप लाइन में चली गई. इसी लाइन पर पहले से एक मालगाड़ी खड़ी थी. दोनों की भिड़ंत हो गई थी.

गौरतलब है कि इस हादसे में ट्रेन ड्राइवर गुणानिधि मोहंती भी घायल हो गए थे. उन्हें भुवनेश्वर के एएमआरआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद से उनते पूर्व फौजी पिता अपने बेटे की वापसी का इंतजार कर रहे हैं.

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बुरी तरह घायल हो गए थे लोको पायलट 

जानकारी के मुताबिक दुर्घटना के दो दिन बाद गुणानिधि के छोटे भाई रंजीत मोहंती उनसे मिलने अस्पताल गए थे, उन्होंने बताया, ''आईसीयू में मोबाइल फोन ले जाने की इजाजत नहीं थी. डॉक्टरों ने बताया कि हादसे के कारण उनके सीने के अंदर कुछ खून जमा हो गया है. वह गहरे दर्द में थे और बोल नहीं पा रहे थे, हालांकि मेरी भाभी वहां थीं, लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि उन्हें भी उनके पास जाने की इजाजत है.''

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भाई को भी नहीं मिलने दिया गया

इतना ही नहीं उनके बड़े भाई संजय मोहंती भी लोको पायलट से मिलने गए थे. उन्होंने कहा कि' वह तब आईसीयू में थे लेकिन उसके बाद हमें उनसे मिलने नहीं दिया गया है. गौरतलब है कि ईस्ट कोस्ट रेलवे के चिकित्सा विभाग में कार्यरत एक डॉक्टर ने चार दिन पहले गुणानिधि को अस्पताल से छुट्टी दे दी थी लेकिन उनको लेकर हेल्थ अपडेट जारी नहीं किया था. फिलहाल लोको पायलट कहां इस बात की जानकारी किसी को नहीं है.

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