Who is Abhijit Gangopadhyay: लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में भाजपा को कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपध्याय (Justice Abhijit Gangopadhyay) का साथ मिल गया है. जस्टिस उपाध्याय ने मंगलवार को पहले अपने पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद उन्होंने 7 मार्च को भाजपा जॉइन करने की घोषणा की है.. जस्टिस उपाध्याय हाई कोर्ट के चर्चित जज रहे हैं, जिन्हें ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की नीतियों का घोर विरोधी माना जाता है. वे TMC के गले की हड्डी बने शिक्षक भर्ती घोटाले (Teacher Recruitment Scam) समेत कई चर्चित मामलों में CBI जांच का आदेश दे चुके हैं. उनके खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई होनी बाकी है.
राष्ट्रपति को भेजा है पद से इस्तीफा
जस्टिस अभिजीत गंगोपध्याय मंगलवार को हाई कोर्ट में अपने चैंबर में पहुंचे. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) को अपना इस्तीफा भेजा. PTI को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस्तीफे की कॉपी उन्होंने सु्प्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवागणम को भी भेजी है. शाम के समय मीडिया ने उनके राजनीति में आने की अफवाहों को लेकर सवाल किए तो उन्होंने भाजपा जॉइन करने की पुष्टि की.
सोमवार को ही बोला था ममता बनर्जी की सरकार पर हमला
अभिजीत गंगोपध्याय ने ANI से बातचीत में सोमवार को भी ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने कहा, मैं कलकत्ता हाई कोर्ट में अपने पद से इस्तीफा दे रहे हूं. पिछले दो साल से ज्यादा समय में मैंने कई मामले देखे हैं. खासतौर पर शिक्षा से जुड़े मामले, जिनमें मैंने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है.उन्होंने कहा, इस सरकार के एजुकेशन सेक्टर के बहुत सारे प्रभावशाली लोग अब जेल में हैं और ट्रायल का सामना कर रहे हैं.
जस्टिस गंगोपध्याय ने कहा, इसके बाद मैंने श्रम के मुद्दे उठाना शुरू किया है, जिनमें एम्पलॉयर्स ने पीएफ, ग्रेच्युटी आदि को लेकर बड़े घोटाले किए हुए हैं. मैंने ऐसे कई मामलों में आदेश भी जारी किया है. अब लगता है कि मेरा काम पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा, अब मैं ज्यादा बड़े इलाके में ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहता हूं. एक जज अदालत में उन्हीं मुद्दों को देख सकता है, जिन्हें कोई उस तक लाता है, लेकिन हमारे देश और खासतौर पर पश्चिम बंगाल जैसे प्रदेश में बहुत सारे लाचार लोग हैं, जिन्हें मैंने देखा है कि वे अदालत नहीं आ सकते. मैं ऐसे लोगों की मदद करना चाहता हूं.
कलकत्ता में हुआ था जस्टिस गंगोपध्याय का जन्म
जस्टिस अभिजीत गंगोपध्याय का जन्म 20 अगस्त, 1962 को कोलकाता में हुआ था. उनका परिवार में बहुत सारे वकील हैं. उन्होंने मित्रा इंस्टीट्यूशन से बंगाली भाषा में स्कूल एजुकेशन लेने के बाद 1979 में कोलकाता के हाजरा लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया था. वहां उन्हें बंगाली थिएटर ग्रुप से जुड़ने का शौक लगा. उन्होंने 1986 तक 'अमित्रा चंदा' नाम के थिएटर ग्रुप के लिए बहुत सारे शो किए थे.
जज बनने से पहले बने थे PCS अफसर
अभिजीत ने अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस ऑफिसर (Wet Bengal PCS Officer) के तौर पर की थी. उनकी पहली पोस्टिंग उत्तर दिनाजपुर में थी. हालांकि उन्होंने जल्दी ही इस्तीफा दे दिया और कोलकाता लौटकर हाई कोर्ट में वकालत करने लगे. 2 मई, 2018 को उन्हें हाई कोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर नियुक्ति मिली, जिसके बाद 30 जुलाई, 2020 को उन्हें स्थायी जज नियुक्त किया गया.
भ्रष्टाचार विरोधी जज की रही है छवि
61 साल के जस्टिस अभिजीत गंगोपध्याय की छवि कलकत्ता हाईकोर्ट में भ्रष्टाचार विरोधी जज की रही है. उन्हें बहुत सारे मामलों की जांच CBI कौ सौंपने वाले जज के तौर पर याद किया जाता है. इनमें पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला (Wets Bengal Teacher Recruitment Scam) भी शामिल है. इस केस में जस्टिस गंगोपध्याय ने बहुत सारी FIR दर्ज करने के निर्देश देने के साथ ही आरोपियों को आधी रात को गिरफ्तार कर पूछताछ करने की इजाजत दी थी, जिसके लिए उन्हें बेहद चर्चा मिली है. इन आरोपियों में पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री और एजुकेशन बोर्ड का चेयरपर्सन भी शामिल है.
विवादों में भी घिरे रहे हैं जस्टिस गंगोपध्याय
- जस्टिस गंगोपध्याय CBI की खुलेआम आलोचना करने के लिए विवादं में भी रहे हैं.
- उन पर TMC और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ राजनीतिक बयान देने का भी आरोप रहा है.
- जस्टिस गंगोपध्याय ने एक बार कहा था कि पश्चिम बंगाल का नेतृत्व कर रही TMC 'चोरों की अंपायर' है.
- जस्टिस गंगोपध्याय राजनीति प्रेरित बयानों के आरोप को हमेशा ये कहकर खारिज करते रहे हैं कि वे किसी पार्टी से नहीं जुड़ेंगे.
- फरवरी में TMC नेता और ममता के भांजे अभिषेक बनर्जी ने जस्टिस गंगोपध्याय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी.
- इस याचिका में जस्टिस गंगोपध्याय के ऊपर लंबिक मामलों में भी लगातार राजनीतिक बयानबाजी करने का आरोप लगाया गया था.
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