कौन है Arun Reddy, जिसे दिल्ली पुलिस ने Amit Shah Deepfake Video Case में किया गिरफ्तार

Written By कुलदीप पंवार | Updated: May 03, 2024, 08:01 PM IST

Murder News Hindi

Who is Arun Reddy: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसकी जांच दिल्ली पुलिस कर रही थी.

Who Is Arun Reddy: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो के मामले (Amit Shah Fake Video Case) में दिल्ली पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम अरुण रेड्डी है, जो एक्स (पहले ट्विटर) पर 'Spirit of Congress' अकाउंट को हैंडल करता है. यह गिरफ्तारी उस रिपोर्ट के बात हुई है, जिसमें दावा किया गया था कि एक्स ने दिल्ली पुलिस को वीडियो वायरल करने वाले स्रोत की जानकारी मुहैया करा दी है. इसमें दावा किया गया था कि एक्स ने जो आईपी एड्रेस दिल्ली पुलिस को दिया है, वो तेलंगाना का है. दिल्ली पुलिस तेलंगाना के कई नेताओं को इस मामल में पूछताछ के लिए भी बुला चुकी है, जिनमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवांत रेड्डी भी शामिल हैं.

अब जान लीजिए कौन हैं अरुण रेड्डी

दिल्ली पुलिस ने जिस अरुण रेड्डी को गिरफ्तार किया है, वो एक्स पर 'Spirit of Congress' हैंडल चलाते हैं. इस हैंडल के प्रोफाइल में लिखी जानकारी के हिसाब से रेड्डी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के नेशनल सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर हैं. हालांकि कांग्रेस की तरफ से उनका ऐसा कोई पद होने की पुष्टि नहीं की गई है. उनके एक्स हैंडल को 1.20 लाख लोग फॉलो करते हैं. 

तेलंगाना सीएम समेत 5 कांग्रेसी नेताओं को किया था तलब

दिल्ली पुलिस ने इस Deepfake Video केस में तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवांत रेड्डी को भी समन भेजा था. रेड्डी के अलावा तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) के चार अन्य मेंबर्स को भी बुलाया गया था. ये चारों नेता शिवा कुमार अंबाला, असमा तस्लीम, सतीश माने और नवीन पेट्टम हैं. इन सभी को CrPC की धारा 91 और धारा 160 के तहत पूछताछ के लिए तलब किया गया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यदि किसी व्यक्ति को CrPC की धारा 160/91 के तहत समन भेजा जाता है तो उसे या तो खुद पेश होना पड़ता है या अपना लीगल रिप्रजेंटेटिव पुलिस के पास भेजना पड़ता है.

रेवांत रेड्डी अभी नहीं हुए हैं पुलिस के सामने पेश

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवांत रेड्डी ने 1 मई को पुलिस से पेश होने के लिए और समय मांगा था. रेड्डी को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट के सामने पेश होना था. रेड्डी की जगह उनकी वकील सौम्या गुप्ता ने दिल्ली के द्वारका स्थित IFSO ऑफिस में इस मामले के जांच अधिकारी से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद गुप्ता ने मीडिया से कहा था कि जिस एक्स हैंडल द्वारा वीडियो शेयर किया गया है, वो रेड्डी से जुड़ा हुआ नहीं है. यह अकाउंट तेलंगाना सीएम का नहीं है. 

साइबर क्राइम के तहत चल रही है मामले की जांच

केंद्रीय गृह मंत्री के डीपफेक वीडियो (Amit Shah Deepfake Video) के वायरल होने पर गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की थी. यह शिकायत मंत्रालय के तहत काम करने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (Indian Cyber Crime Coordination Centre) ने की थी. इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने रविवार (28 अप्रैल) को FIR दर्ज करने के बाद जांच शुरू की थी. अमित शाह के फर्जी वायरल वीडियो (Amit Shah Doctored Video) में उन्हें सभी तरह का आरक्षण खत्म करने की वकालत करते हुए दिखाया गया था, जबकि शाह ने तेलंगाना में धर्म के आधार पर मुस्लिमों को दिया आरक्षण खत्म करने का वादा किया था. इस मामले में जांच के लिए पुलिस ने करीब 24 लोगों क समन भेजे हैं. इनमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के अलावा समाजवादी पार्टी, झारखंड, नागालैंड के भी लोग शामिल हैं.  

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