Rahul Gandhi नहीं ED ने Akhilesh Yadav के MP के ठिकाने पर की 'बुलडोजर' रेड, जानें कौन हैं Babu Singh Kushwaha

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Aug 02, 2024, 03:35 PM IST

Who is Babu Singh Kushwaha: अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के सांसद बाबू सिंह कुशवाहा को उत्तर प्रदेश के दबंग नेताओं में गिना जाता है. मायावती सरकार में मंत्री रहने के दौरान 10,000 करोड़ रुपये के NRHM घोटाले में कुशवाहा आरोपी बने थे.

Who is Babu Singh Kushwaha: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार आधी रात के ट्वीट के जरिये अपने यहां प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे का डर जताया था. ईडी की टीम राहुल के घर तो नहीं पहुंची, लेकिन उनके 'सखा' अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पार्टी के सांसद के ठिकाने पर छापा मार दिया है. ईडी टीम ने शुक्रवार दोपहर लखनऊ के सरोजिनी नगर में सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा की करोड़ों रुपये की जमीन को जब्त कर लिया है. जौनपुर सीट से सांसद कुशवाहा एक समय मायावती के बेहद करीबियों में गिने जाते थे. उनके खिलाफ करीब 10,000 करोड़ रुपये के नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (NRHM) घोटाले में जांच चल रही है, जिसमें कुशवाहा जेल भी जा चुके हैं. ईडी टीम कुशवाहा की लखनऊ स्थित जमीन पर अकेले नहीं पहुंची बल्कि टीम के साथ बुलडोजर भी था, जिससे जमीन पर बने अवैध कब्जों को भी गिराया जा सके.

करोड़ों रुपये की है कानपुर रोड स्थित जमीन

बाबू सिंह कुशवाहा की जिस जमीन को जब्त करने की कार्रवाई ईडी ने की है, वो कानपुर रोड पर स्कूटर इंडिया के बराबर में मौजूद है. यह जमीन बेहद कीमती है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये में आंकी जा रही है. इस जमीन के साथ ही ईडी अब NRHM घोटाले में कुशवाहा की करीब 250 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है.

विदेशों तक चर्चा में रहा था NRHM घोटाला, दो सीएमओ की हुई थी हत्या

NRHM घोटाला साल 2007 से 2012 के बीच उत्तर प्रदेश में मायावती (Mayawati) के नेतृत्व में बसपा की सरकार रहने के दौरान हुआ था. ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए केंद्र सरकार से आए करीब 10,000 करोड़ रुपये की बंदरबांट इस घोटाले में कर ली गई थी. कुशवाहा उस समय मायावती सरकार में मंत्री थे और NRHM का पूरा काम देख रहे थे. दो बर कैबिनेट मंत्री रहे कुशवाहा तब मायावती के सबसे ज्यादा करीबी नेताओं में से एक थे. उन्हें सरकार में मायावती के बाद नंबर-2 की हैसियत वाला मंत्री कहा जाता था. उनके पास खनिज, नियुक्ति, सहकारिता के साथ ही परिवार कल्याण विभाग की भी जिम्मेदारी थी. इस घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने कुशवाहा को मुख्य आरोपियों में शामिल किया था. जांच के दौरान सबूतों को दबाने के लिए दो सरकारी चीफ मेडिकल अफसर (CMO) की हत्या भी की गई थी. इन हत्याओं को कराने का आरोप भी कुशवाहा पर ही लगा था. मायावती ने ये सारे आरोप लगने के बाद कुशवाहा को बसपा से निलंबित कर दिया था.

चार साल तक जेल में बंद रहे थे कुशवाहा

एनआरएचएम घोटाले के अलावा कुशवाहा पर उप्र श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) में भी घोटाला करने का आरोप लगा था. इन दोनों घोटालों से कुशवाहा पर अरबों रुपये की कमाई करने का आरोप है. एनआरएचएम घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच कर रही ईडी ने भ्रष्टाचार की रकम को बेनामी संपत्तियों की खरीद में लगाए जाने का दावा किया था. जांच में पाया गया कि ये संपत्तियां बाबू सिंह कुशवाहा के परिवार और कुछ अन्य करीबियों के नाम पर खरीदी गई हैं. कुशवाहा को NRHM घोटाले में गिरफ्तार भी किया गया था, जिसके बाद वे 4 साल तक जेल में रहे थे.

1988 में शुरू किया था राजनीतिक जीवन

बांदा जिले के पखरौली गांव के किसान परिवार में 7 मई 1966 को बाबू सिंह कुशवाहा का जन्म हुआ था. 1985 में स्नातक करने के बाद अप्रैल 1988 में वे बसपा संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आए, जो उन्हें दिल्ली ले गए. इसके साथ ही कुशवाहा का राजनीतिक जीवन शुरू हुआ था. पहली बार कुशवाहा को 2003 में बसपा सरकार में पंचायती राज मंत्री बनाया गया था. 

मायावती ने निकाला तो BJP गए, वहां से हटाया तो अलग पार्टी बनाई

बसपा से निकाले जाने के बाद कुशवाहा को भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने पार्टी में शामिल कर लिया, लेकिन पार्टी में ही इसे लेकर हंगामा खड़ा हो गया. इसके बाद कुशवाहा ने ही खुद भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को पत्र लिखकर निर्दोष साबित होने तक अपनी सदस्यता निलंबित करने का अनुरोध किया था. भाजपा का साथ छूटने पर कुशवाहा ने 2016 में जन अधिकार पार्टी का गठन किया, लेकिन उनकी पार्टी कभी कोई सीट नहीं जीत सकी. कुशवाहा की पत्नी शिवकन्या को समाजवादी पार्टी ने 2014 में गाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ाया था, लेकिन वो हार गई थी. साल 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले कुशवाहा को अखिलेश यादव ने तमाम विरोध के बावजूद जौनपुर सीट से टिकट दिया और वो जीत के साथ लोकसभा में पहुंच गए हैं.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.