मिलिए रमेश अवस्थी से, जिनके लिए खुद PM Modi पहुंच गए कानपुर, जानिए उनकी कुछ खास बातें

Written By कुलदीप पंवार | Updated: May 07, 2024, 09:13 PM IST

Who is Ramesh Awasthi: उत्तर प्रदेश की कानपुर लोकसभा सीट को हाई प्रोफाइल सीटों में गिना जाता है. भाजपा ने इसे जीतने के लिए पूरा जोर लगा रखा है. इस सीट से रमेश अवस्थी कमल के फूल को थामे हुए हैं.

Who is Ramesh Awasthi: उत्तर प्रदेश को दिल्ली की सत्ता का 'मेनगेट' कहा जाता है. इसके चलते यहां की सीटों पर सभी की निगाहें होती हैं. उसमें भी कुछ सीट ऐसी हैं, जिन्हें बेहद हॉट माना जाता है. इनमें से ही एक कानपुर शहर की सीट भी है. कभी यूपी का 'मेनचेस्टर' कहलाने वाले इस शहर को भाजपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन यहां सपा-बसपा भी उसे करारी टक्कर देते हैं. इस करारी टक्कर वाली सीट पर भाजपा ने इस बार रमेश अवस्थी को टिकट दिया है, जिन्हें लोग सियासत से ज्यादा आमों का 'स्वाद' चखाने के लिए जानते हैं. अवस्थी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार ही नहीं बनाया है, बल्कि उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर पहुंचकर रोड शो भी किया है. आइए रमेश अवस्थी के बारे में कुछ खास बातें आपको बताते हैं.

छात्रनेता के तौर पर शुरू किया करियर

रमेश अवस्थी को भले ही कानपुर सीट से टिकट मिलने से पहले राजनीति में चर्चित चेहरा नहीं माना जाता था, लेकिन वे सियासी राजनीति के पुराने चेहरे हैं. उन्होंने अपने सियासी करियर एक छात्रनेता के तौर पर शुरू किया था. 1990 के दशक में रमेश अवस्थी फर्रुखाबाद के बद्री विशाल डिग्री कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसी कॉलेज से उन्होंने एमए की डिग्री हासिल की है. इसके अलावा वे एलएलबी और एमफिल भी कर चुके हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा है परिवार

रमेश अवस्थी का पूरा परिवार शुरुआती दौर से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा रहा है. उनके भाई ब्रह्मदत्त अवस्थी 1967 में RSS के समर्थन से फर्रुखाबाद से चुनाव भी लड़ चुके हैं. वे संघ के एक्टिव कार्यकर्ता रहे हैं. अवस्थी परिवार मूल रूप से फर्रुखाबाद का ही रहने वाला है. वे फर्रुखाबाद के अमृतपुर इलाके के गांव नंगला हूसार के मूल निवासी हैं. 1 दिसंबर, 1967 को जन्मे रमेश अवस्थी 1986 में कानपुर आए थे और तब से यहीं पर रह रहे हैं.

सियासत से ज्यादा आमों के लिए मशहूर

रमेश अवस्थी को कानपुर के लोग सियासत के लिए कम उनकी तरफ से हर साल आयोजित किए जाने वाले मैंगो फेस्टिवल के लिए ज्यादा जानते हैं. रमेश करीब एक दशक से दिल्ली में 'भारत आम महोत्सव' और कानपुर में 'कानपुर मैंगो फेस्टिवल' का आयोजन कराते रहे हैं. इसके जरिये वे भारतीय आमों की विभिन्न किस्मों को दुनिया भर के सामने पेश करते हैं और उनके किसानों को फसल के अच्छे दाम दिलाने में अहम योगदान देते हैं. इन मैंगो फेस्टिवल्स के कारण वे सभी की नजरों में बने रहते हैं. 

करीब तीन दशक पुराना पत्रकारिता से जुड़ाव

रमेश अवस्थी को शहर पुराने पत्रकार के तौर पर भी जानता है. वे कई प्रमुख अखबारों के साथ ही एक नेशनल लेवल के चैनल के एक शो के रेगुलर एंकर की भी भूमिका निभा चुके हैं. पत्रकारिता के लिए लेखपाल पद पर सरकारी नौकरी लगने के बाद भी अवस्थी ने जॉइन नहीं किया था. फिलहाल वे भारत सरकार की हिंदी राजभाषा सलाहकार समिति और उत्तर प्रदेश की स्वच्छता समिति के सदस्य हैं.

पीएम मोदी को भेंट किया भोलेनाथ का त्रिशूल

रमेश अवस्थी की जीत पक्की करने के लिए पिछले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद रोड शो करने कानपुर पहुंचे, जहां उन्हें अवस्थी ने भोलेनाथ का त्रिशूल भेंट किया, जिसे हाथ में उठाकर पीएम मोदी ने उनकी जीत के लिए वोट डालने की अपील की. कानपुर सीट पर अवस्थी के सामने सपा के समर्थन से कांग्रेस ने आलोक मिश्रा को टिकट दिया हुआ है. कांग्रेस के इस ब्राह्मण कार्ड की काट करने के लिए ही पीएम मोदी खुद कानपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने अवस्थी से त्रिशूल लेने के बाद उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया है.

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