कौन हैं पाकिस्तान की Bilquis Bano Edhi जिनके लिए PM मोदी ने जताया शोक?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 17, 2022, 02:47 PM IST

बिलकिस बानो को भारत की गीता की मां के तौर पर भी जाना जाता है. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी शोक व्यक्त किया है. 

डीएनए हिंदी: बीते शुक्रवार यानी 15 अप्रैल के दिन पाकिस्तानी समाजसेवी बिलकिस बानो इदी (Bilquis Bano Edhi) का निधन हो गया. 74 वर्षीय बिलकिस ने कराची के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली. बानो के निधन के बाद से पूरा पाकिस्तान गमगीन है. वहीं उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी शोक व्यक्त किया है. 

पीएम मोदी ने एक ट्वीट के जरिए कहा, 'बिलकिस इदी के निधन पर मेरी हार्दिक संवेदना. मानवीय कार्यों के प्रति उनके जीवन भर के समर्पण ने दुनिया भर के लोगों के जीवन को प्रभावित किया है. भारत में भी लोग उन्हें प्यार से याद करते हैं, उनकी आत्मा को शांति मिले.'

 

 

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कौन हैं बिलकिस बानो इदी?
बिलकिस बानो ने अपने जीवन के छह दशक से अधिक का समय जरूरतमंदों की सेवा में बिताया. उन्होंने अब्दुल सत्तार इदी फाउंडेशन नामक एक कल्याणकारी संगठन की स्थापना के लिए अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. इस संगठन को अनेक क्षेत्रों में मानवता के कार्यों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्धि मिली. साल 1986 में बिलकिस बानो को पति के साथ रेमन मैग्सेस अवार्ड से सम्मानित किया गया. इसके बाद साल 2015 में बिलकिस बानो को मदर टेरेसा मेमोरियल इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया. जुलाई 2016 में पति की मौत के बाद उन्होंने अपने बेटे फैसल इदी के साथ मिलकर फाउंडेशन के अनेक कार्य किए. वहीं बीते शुक्रवार फैसल ने मीडिया को अपनी मां के निधन की जानकारी दी.

फैसल ने कहा, इस सप्ताह की शुरुआत में अचानक रक्तचाप से गिरने के बाद मां को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं इदी फाउंडेशन के प्रवक्ता की मानें तो बिलकिस पिछले एक महीने से बीमार थीं. 

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क्या था भारत से कनेक्‍शन?
बिलकिस बानो को भारत की गीता की मां के तौर पर भी जाना जाता है. दिव्यांग बच्ची गीता को लाहौर रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा समझौता एक्सप्रेस में अकेली बैठे पाया गया था. उस समय वह महज सात साल की थीं. बिलकिस बानो ने गीता को गोद लिया था. हालांकि बाद में साल 2015 में गीता को उस समय की भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मदद से पाकिस्तान से भारत वापस ले आया गया था.

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