कौन हैं Sanjay Nishad जिन्हें योगी मंत्रिमंडल में मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 25, 2022, 04:17 PM IST

डॉ. संजय निषाद को छह साल पहले तक निषाद समुदाय और इनके लिए काम करने वाले कुछ ही लोग जानते थे.

डीएनए हिंदीः योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अब से थोड़ी देर में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इससे पहले मंत्रिमंडल की लिस्ट फाइनल हो चुकी है. इसमें कई पुराने चेहरों को शामिल किया गया है तो कुछ की छुट्टी भी की गई हैं. बीजेपी के सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद (Sanjay Nishad) को भी कैबिनेट में जगह दी गई हैं.  

कौन हैं संजय निषाद
डॉ. संजय निषाद को छह साल पहले तक निषाद समुदाय और इनके लिए काम करने वाले कुछ ही लोग जानते थे. वह तब चर्चा में आए जब उन्होंने योगी आदित्यनाथ की सीट पर बीजेपी को हराने के लिए काम किया. संजय निषाद ने 2013 में निषाद पार्टी बनाई. संजय निषाद गोरखपुर में गीता वाटिका रोड पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लीनिक चलाते थे. 2002 में उन्होंने पूर्वांचल मेडिकल इलेक्ट्रो होम्योपैथी असोसिएशन बनाया. 

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पहली बार चुनाव में मिली हार  
संजय कैम्पियरगंज विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़े और इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद बनाई. इसमें मछुआ समुदाय की 553 जातियों को एक मंच पर लाने की मुहिम शुरू की. इस घटना के बाद पॉप्युलर हो गए थे संजय संजय निषाद ने 7 जून 2015 को गोरखपुर के सहजनवा में कसरावल गांव के पास निषादों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया. 

2017 में बनाई निषाद पार्टी 
गोरखपुर की घटना से चर्चा में आने के बाद डॉ. संजय निषाद ने अपनी निषाद पार्टी बनाई. 2017 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने पीस पार्टी के साथ गठबंधन किया और 72 सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन पार्टी को सिर्फ ज्ञानपुर सीट पर ही जीत मिली. संजय निषाद खुद गोरखपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़े लेकिन उन्हें सिर्फ 34,869 वोट मिले और वह हार गए.  

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खुद को बताया कि उपमुख्यमंत्री पद का दावेदार
2022 के चुनाव से पहले संजय निषाद ने खुद को उपमुख्यमंत्री पद का दावेदार बताकर बीजेपी की परेशानी भी बढ़ा दी थी. उनके बयान के बाद राजनीति गर्म हो गई. एक समय बीजेपी के साथ मिलकर उनके चुनाव लड़ने पर भी सवाल उठ रहे थे लेकिन आखिर में वह बीजेपी के साथ आ गए. 

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