Aashish Khan Passes Away: सरोद वादन के लिए पूरी दुनिया में पहचान रखने वाले लीजेंडरी संगीतकार आशीष खान का निधन हो गया है. उनके परिवार ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी है. उनके भाई आलम खान ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा,'मेरे बड़े भाई, सरोद के उस्ताद और मैहर घराना के खलीफा उस्ताद आशीष खान का निधन हो गया है. 84 वर्षीय संगीतकार ने अमेरिका के लॉस एंजिल्स में गुरुवार को एक अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली है. इस दौरान दो दिन से उनका परिवार, उनके दोस्त, छात्र उनके चारों तरफ मौजूद थे.' उन्होंने आगे लिखा,'आशीष दा एक अतुलनीय और पॉवरफुल सरोद वादक और कंपोजर थे, जिनके संगीत ने बहुत सारे संगीतकारों और श्रोताओं को प्रेरित किया है. वे पूरी दुनिया में बहुत सारे छात्रों के प्यारे गुरु थे और उनकी कमी को निश्चित तौर पर महसूस किया जाएगा.' आशीष खान के भतीजे शिराज खान ने भी यह खबर इंस्टाग्राम पर शेयर की है.
बचपन में ही प्रभावित करने लगे थे सरोद पर अपनी प्रतिभा से
साल 1939 में मध्य प्रदेश के मैहर में हुआ था. उन्होंने बेहद छोटी उम्र में ही सरोद सीखना शुरू किया और अपने टेलेंट से सभी को प्रभावित किया. उन्होंने अपने दादा उस्ताद अलाउद्दीन खान से संगीत की तालीम ली थी, जो 'सेनिया मैहर घराना' के संस्थापक थे. इसके बाद उन्होंने अपने पिता उस्ताद अली अकबर खान और अपनी बुआ अन्नपूर्णा देवी से भी संगीत की ट्रेनिंग ली थी.
ग्लोबल लेवल तक पहुंचाया भारतीय क्लासिकल संगीत
आशीष खान उन चंद भारतीय संगीतकारों में से एक हैं, जिन्होंने भारतीय क्लासिकल संगीत को ग्लोबल लेवल तक पहुंचाने में और वहां उसके श्रोता तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है. सल 1989 में उन्होंने पंडित रवि शंकर और पन्नालाल घोष जैसे म्यूजिक आयकन्स के पद्चिन्हों पर चलते हुए ऑल इंडिया रेडियो के प्रतिष्ठित 'वाद्य वृंद समूह' का संगीतकार और संचालक बनने का सौभाग्य हासिल किया.
कई मशहूर इंटरनेशनल संगीतकारों के साथ किया था कोलेब्रेशन
आशीष खान के परिवार के मुताबिक, लीजेंडरी सरोद वादक ने पूरी दुनिया में कई मशहूर इंटरनेशनल संगीतकारों के साथ काम किया था, जिनमें जॉर्ज हैरिसन, एरिक क्लेपटन, चार्ल्स लॉयड, एलिस कॉल्ट्रेन और रिंगो स्टार जैसे नाम शामिल हैं. उन्होंने पंडित रविशंकर के निर्देशन में काम करते हुए सत्यजीत रे की अपूर संसार, पारस पत्थर, जलसागर और रिचर्ड एटनबरो की गांधी जैसी फिल्मों के लिए संगीत तैयार करने में मदद की. उन्होंने डेविड लिएन की A Passage to India, जॉन ह्यूस्टन की The Man Who Would Be King और तपन सिन्हा की Jotugriha जैसी तमाम फिल्मों के लिए भी संगीत तैयार किया.
उस्ताद जाकिर हुसैन के साथ बनाया था अपना बैंड
आशीष खान ने महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के साथ मिलकर 1960 के दशक में अपना इंडो-जैज बैंड 'शांति' भी बनाया था, जो बेहद सक्सेसफुल रहा था. खान को साल 2006 में उनकी एलबम Golden Strings of the Sarode के लिए बेस्ट ट्रेडिशनल वर्ल्ड म्यूजिक एलबम कैटेगरी में Grammy Award के लिए भी नोमिनेट किया गया था. साल 2004 में उन्हें देश के सर्वोच्च कला सम्मान संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड (Sangeet Natak Akademi Award) से भी सम्मानित किया गया था. खान ने कोलकाता में आशीष खान स्कूल ऑफ वर्ल्ड म्यूजिक (Aashish Khan School of World Music) की स्थापना की थी. इसके अलावा भी वे अमेरिका में कई यूनिवर्सिटीज में संगीत की तालीम देते थे, जिनमें अली अकबर कॉलेज ऑफ म्यूजिक, यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन और कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा शामिल हैं.
(With PTI Inputs)
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