डीएनए हिंदीः केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने आज और कल यानी सोमवार और मंगलवार को भारत बंद (Bharat Bandh) का ऐलान किया है. इस हड़ताल में बैंक यूनियन (Bank Unions) भी शामिल रहेंगी. बंद की वजह से दो दिन बैंकों का कामकाज भी ठप्प रह सकता है. ट्रेड यूनियनों का कहना है कि सरकार श्रम संहिता को खत्म करे, किसी भी तरह के प्राइवेटाइजेशन को तुरंत रोके, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन यानी (एनएमपी) को खत्म करे और मनरेगा के तहत मजदूरी आवंटन को बढ़ाए और ठेका श्रमिकों को नियमित करे.
भारत बंद की क्या है वजह
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक निजिकरण के फैसले के विरोध में और बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक-2021 के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं. पंजाब नेशनल बैंक और केनरा बैंक ने भी हड़ताल की वजह से सामान्य कामकाज के प्रभावित होने की आशंका जताई है. बैंकिंग सेक्टर में एसबीआई ने बयान जारी कर कहा है कि बंद के चलते बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती है.
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भारत बंद की बड़ी बातें
- श्रमिकों, किसानों और आम जनता को प्रभावित करने वाली सरकारी नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच द्वारा राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है.
- भारत बंद में बैंकों के अलावा, स्टील, तेल, दूरसंचार, कोयला, डाक, आयकर, तांबा और बीमा जैसे कई अन्य क्षेत्रों के कर्मचारियों के हड़ताल में भाग लेने की संभावना है. इसके साथ ही रेलवे और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी यूनियन भी इस बंद के समर्थन में सड़कों पर उतर सकती हैं. साथ ही रोडवेज, परिवहन कर्मियों और बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है.
- भारत बंद में बैंक कर्मचारी भी हिस्सा होंगे. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की सरकार की योजना के साथ-साथ बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में बैंक यूनियन हड़ताल में भाग ले रही हैं.
- ऑल इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्हें भारत बंद में 20 करोड़ से अधिक औपचारिक और अनौपचारिक कर्मचारियों की भागीदारी की उम्मीद है.
- भारतीय स्टेट बैंक सहित कई बैंकों ने बयान जारी कर ग्राहकों को सूचित किया है कि सोमवार और मंगलवार को बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.
- पावर मिनिस्ट्री ने आज सभी सरकारी कंपनियों और अन्य एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने, चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति और राष्ट्रीय ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने को कहा है. मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया है कि अस्पतालों, रक्षा और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए और किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाना चाहिए.
- पश्चिम बंगाल सरकार ने कर्मचारियों को सोमवार और मंगलवार को ड्यूटी पर आने के लिए कहा है. भारत बंद के बावजूद राज्य सरकार के सभी कार्यालय खुले रहेंगे. अपने ज्ञापन में, बंगाल सरकार ने यह भी कहा कि 28 और 29 मार्च को किसी भी कर्मचारी को कोई आकस्मिक अवकाश या आधे दिन की छुट्टी नहीं दी जाएगी. सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई कर्मचारी छुट्टी लेता है, तो इसे आदेश का उल्लंघन माना जाएगा और इसका असर उसके वेतन पर भी पड़ेगा.
- राहत की बात यह है कि इस हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ शामिल नहीं होगा. संघ ने कहा कि भारत बंद राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य चुनिंदा राजनीतिक दलों के एजेंडे को आगे बढ़ाना है.
- अखिल भारतीय असंगठित कामगार और कर्मचारी कांग्रेस ने देशव्यापी हड़ताल को समर्थन दिया है. उसकी तरफ से कहा गया है कि कांग्रेस लीडर राहुल गांधी बंद में शामिल वर्गों की मांगों के पक्ष में अपनी बात रखते रहे हैं.