डीएनए हिंदी: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Election 2022) से पहले कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने इस्तीफा दे दिया था. खास बात यह है कि यह इस्तीफा ऐसे में आया है कि जब कांग्रेस ने अपना चिंतन शिविर खत्म किया था. ऐसी अटकलें हैं कि पटेल आने वाले दिनों में पंजाब के नेता सुनील जाखड़ की तरह भाजपा में शामिल हो सकते हैं जो कांग्रेस छोड़कर भगवा पार्टी में शामिल हो गए थे. हालांकि वे भाजपा में शामिल हो या न हो लेकिन इससे भाजपा को फायदा होगा.
भाजपा में शामिल हो सकते हैं BJP
Hardik Patel के पार्टी छोड़ने के बाद अब कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने दावा किया कि उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उन्हें डर था कि उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामलों में उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. ठाकोर ने यह दावा भी किया कि पटेल सत्ताधारी भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
पटेल ने आरोप लगाया कि पार्टी की राज्य इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष होने के बावजूद उन्हें कोई सार्थक काम नहीं दिया गया। पटेल ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी के पास कोई दूरदृष्टि नहीं है और इसकी राज्य इकाई “जाति-आधारित राजनीति” में लगी है.
जेल जाने का सता रहा था डर
प्रदेश अध्यक्ष ठाकोर ने आरोप लगाया कि जो कुछ भी कहा और जो कुछ उनके त्याग पत्र में लिखा था, उसका मजमून सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा तैयार किया गया था. ठाकोर ने दावा किया, “हार्दिक को डर था कि कांग्रेस में रहने पर उन्हें देशद्रोह के मामलों में जेल भी जाना पड़ सकता है. इसलिए संभावित सजा से खुद को बचाने के लिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया और वे भाजपा में भी शामिल हो सकते हैं.”
ठाकोर ने दावा किया, “ उन्हें अहम पद मिले. सिर्फ इतना ही नहीं, उन्हें हेलीकॉप्टर और विमानों में यात्रा करने की सुविधा दी गई थी. राष्ट्रीय स्तर की पार्टी की प्रमुख बैठकों के दौरान उन्हें हमेशा महत्व दिया जाता था.” उन्होंने पटेल पर पिछले कुछ समय से भाजपा के संपर्क में रहने का भी आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा, “पिछले एक महीने से वह जिस तरह (नेतृत्व के खिलाफ) बोल रहे थे, उससे उनके अगले कदम के संकेत मिल रहे थे. हम यह भी जानते थे कि वह भाजपा के संपर्क में हैं लेकिन हम इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि हमें विश्वास था कि वह जेल जाने के डर से इतनी आसानी से आत्मसमर्पण नहीं करेंगे.”
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पार्टी से नाराज थे हार्दिक
गुजरात में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले कांग्रेस से बुधवार को इस्तीफा देने वाले पटेल ने दावा किया कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का ध्यान अपने मोबाइल फोन में लगा रहता है और गुजरात कांग्रेस के नेता उनके लिए चिकन सैंडविच की व्यवस्था करने में लगे रहते हैं. राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल किए जाने के एक साल बाद जुलाई 2020 में उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था.
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Hardik Patel को गुजरात की राजनीति में पाटीदार समाज का बड़ा नेता माना जाता था और इसीलिए कांग्रेस लेकर आई थी लेकिन पार्टी आने वाले चुनाव में हार्दिक पटेल के जरिए पाटीदार समाज पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती थी लेकिन हार्दिक को पार्टी आलाकमान से सर्वाधिक परेशानी थी जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
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