क्यों नीला होता है समुद्र का रंग ? इसी सवाल के जवाब ने CV Raman को दिलवाया था Nobel Prize

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 27, 2022, 06:46 PM IST

CV Raman, National Science Day

महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन एक बार समुद्री यात्रा कर रहे थे. यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि पानी का तो कोई रंग नहीं है फिर समुद्र नीला कैसे?

डीएनए हिंदी: दुनिया जहान में घूमते हुए हमारे दिमाग में कई सवाल आते हैं. कुछ सवालों के जवाब हम ढूंढ पाते हैं तो वहीं कुछ ऐसे होते हैं जो हमें उलझा देते हैं. ऐसे ही एक दिन एक सवाल महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन के दिमाग में आए. वह उस सवाल में इतना खो गए कि सात साल तक रिसर्च की और फिर जो जवाब ढूंढा उसी वजह से आज National Science Day मनाया जाता है. जी हां यह खास दिन किसी महान शख्सियत के जन्मदिन के मौके पर नहीं बल्कि एक सवाल के जवाब की खोज की याद के तौर पर मनाया जाता है.

क्या था ये सवाल ?

महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन एक बार समुद्री यात्रा कर रहे थे. यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि पानी का तो कोई रंग नहीं है लेकिन फिर भी समुद्र का रंग नीला दिखाई दे रहा है. अब सवाल खड़ा हुआ कि समुद्र का रंग नीला क्यों दिखाई देता है. इसके बाद उन्होंने हर ट्रांसपेरेंट चीज पर ध्यान दिया कि उसमें रंग कहां से आ रहा है. लगातार 7 सालों तक रिसर्च करने के बाद 28 फरवरी 1928 को उन्होंने Raman Effect की खोज की. 

Raman Effect क्या है ? 

दुनिया के सामने Raman Effect को प्रमाणित करने के लिए उन्होंने स्पेक्ट्रोस्कोप भी खुद ही बनाया. उन्होंने बताया, रमण प्रभाव फोटोन कणों के लचीले वितरण के बारे में है. रमन प्रभाव के मुताबिक जब कोई monochromatic light पानी और ठोस चीजों से गुजरती है तो उसमें incident light के साथ low intensity के कुछ अन्य तरह की रोशनी देखने को मिलती है.

Raman Effect का फायदा 

Raman Effect के कारण हम चीजों को स्कैन कर पाते हैं. आसान शब्दों में समझिए कि अगर रमन इफेक्ट का पता नहीं चलता तो एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर वह स्केनर मशीन कभी नहीं लग पाती जिससे बिना सामान को हाथ लगाए पता लगाया जाता है कि उसके अंदर क्या रखा है. 

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