मोदी योगी से करते थे नफरत, अचानक NDA में कैसे शामिल हुए राजभर? जानिए इनसाइड स्टोरी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 16, 2023, 10:57 PM IST

अरविंद राजभर, अमित शाह और ओम प्रकाश राजभर. 

ओम प्रकाश राजभर, कब किसके साथ गठबंधन कर लें कहा नहीं जा सकता है. वह योगी और मोदी सरकार के धुर आलोचक बन गए थे. बीजेपी को जमकर कोसते थे. उनके NDA में शामिल होने की कहानी क्या है, आइए समझते हैं.

डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले जिस ओम प्रकाश राजभर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, वही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ने NDA का हाथ थाम लिया है. ओम प्रकाश राजभर, एक बार फिर एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं. पीएम नरेंद्र मोदी और योगी सरकार को जमकर कोसने वाले नेता ने अमित शाह की मौजूदगी में एनडीए का हाथ थाम लिया.

ओम प्रकाश राजभर ने यह फैसला अचानक नहीं लिया है. वह पिछले करीब एक साल से भाजपा के प्रति झुकाव दिखा रहे थे. राजभर की राजग में वापसी से कई लोगों को आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि उन्होंने काफी पहले से यह संकेत दे रखे थे कि उनके लिए सभी विकल्प खुले हैं. 

योगी के धुर आलोचक रहे हैं ओम प्रकाश राजभर

सुभासपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा था और चार सीटें जीतीं थीं. राजभर को गठबंधन के सहयोगी के तौर पर कैबिनेट मंत्री बनाया गया था लेकिन उन्होंने पिछड़ों और वंचितों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ही खिलाफ मोर्चा खोल लिया था इसकी वजह से सरकार के सामने कई बार असहज स्थिति अभी पैदा हुई थी. 

इसे भी पढ़ें- Rain Alert: पहाड़ों पर बारिश से नहीं राहत, उत्तराखंड-हिमाचल के लिए अगले 24 घंटे भारी, IMD का अलर्ट

योगी आदित्यनाथ ने किया था मंत्रिमंडल से बर्खास्त 

लगातार तल्खी के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजभर ने भाजपा गठबंधन से नाता तोड़ लिया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था. राजभर की पार्टी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से हाथ मिलाया और छह सीटें जीतीं. उस चुनाव में राजभर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 'खेला होबे' के नारे की तर्ज पर 'खड़ेदा होबे' का नारा दिया था. यह राज्य सत्ता से BJP को बाहर निकालने की अपील थी. 

बीजेपी की राज्य में एंट्री बैन कराना चाहते थे राजभर

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तब कहा था, 'राजभर उस दरवाजे को बंद कर देंगे जिसके जरिए भाजपा सत्ता में आई थी और सपा कार्यकर्ता उस पर ताला लगा देंगे.' लेकिन सपा गठबंधन भाजपा को सत्ता से हटाने में विफल रहा इसलिए गठजोड़ के घटक दलों में कलह शुरू होते देर नहीं लगी. उसके बाद राजभर ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मुखर रुख अख्तियार कर लिया. 

ऐसे आते गए NDA के करीब

राजभर की पार्टी ने पिछले साल जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी गठबंधन के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के बजाय राजग की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया. अब एक साल बाद, सुभासपा राजग का हिस्सा बन चुकी है. 

यह भी पढ़ें- सीमा हैदर को हो जाएगी जेल? जानिए क्या है सरकारी एजेंसियों की तैयारी

राजभर की कितने विधानसभा चुनावों पर है मजबूत पकड़

चुनाव विश्लेषकों के मुताबिक सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी उत्तर प्रदेश के आठ जिलों की लगभग 10 लोकसभा सीटों और 40 विधानसभा सीटों के चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकती है. अब एनडीए के साथ राजभर हैं तो इन सीटों पर असर देखने को मिल सकता है.

किसकी वजह से बीजेपी में शामिल हुए ओपी राजभर?

प्रदेश में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राजभर की पार्टी को राजग में वापस लाने में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी भूमिका निभाई है. ब्रजेश पाठक ने कहा, 'समाजवादी पार्टी पटरी से उतर गई है और राज्य की जनता ने उन्हें खारिज कर दिया है. दूसरी ओर, राजग में नए लोगों के शामिल होने से भाजपा का कुनबा बढ़ रहा है. जनता का समर्थन और जनादेश दोनों भाजपा और एनडीए के पक्ष में बढ़ रहा है. हम एक बड़े लक्ष्य के लिए एक साथ आए हैं.'

ये भी पढ़ें- राहुल ने जिन महिलाओं के साथ रोपा धान, उन्हीं के संग झूमती नजर आईं सोनिया गांधी

सिमट रहा है सपा का सहयोगी कुनबा

ब्रजेश पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ अब केवल दो सहयोगी -राष्ट्रीय लोक दल और अपना दल-कमेरावादी बचे हैं और धीरे-धीरे वे भी सपा छोड़ देंगे. ओमप्रकाश राजभर के बड़े बेटे और सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने शाह के साथ जातिवार जनगणना, राजभर जाति को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने और उत्तर प्रदेश में मंत्रिपरिषद के विस्तार सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. अब देखने वाली बात यह है कि कितने दिन और ओम प्रकाश राजभर, इस गठबंधन में टिकते हैं. (इनपुट: भाषा)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Om Prakash Rajbhar Brajesh Pathak nda bjp PM Narendra Modi Yogi Adityanath