Shocking News: पति की अर्थी उठाने की चल रही थी तैयारी, पत्नी ने भी फांसी लगाकर दे दी जान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 15, 2023, 11:08 PM IST

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Gujarat News: पति-पत्नी के बीच जबरदस्त प्रेम की मिसाल देने वाला यह हृदयस्पर्शी मामला गुजरात के नवसारी जिले में हुआ है. दोनों ने छह महीने पहले ही लव मैरिज की थी.

डीएनए हिंदी: गुजरात के नवसारी जिले में पति-पत्नी के प्यार की अनूठी, लेकिन दुखद कहानी सामने आई है. महज छह महीने पहले लव मैरिज करके सात जन्म तक साथ रहने की कसमें खाने वाले पति-पत्नी की अर्थियां उनके परिवार को एकसाथ ही उठानी पड़ी है. रविवार शाम को पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई. इसकी जानकारी मिलते ही सोमवार को पत्नी ने भी तब फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जब उसके पति की शवयात्रा की तैयारियां चल रही थीं. इस बात की खबर मिलते ही हर कोई दुखी होने के साथ ही हैरान रह गया. लोगों ने कहा कि दोनों का यह प्रेम मिसाल बन गया, लेकिन इतने दुखद अंत की उम्मीद नहीं थी.

रविवार शाम को हुई थी पति की मौत

नवसार जिले के लीलिया गांव निवासी धवल विनुभाई राठौड़ (25 साल) ने करीब छह महीने पहले प्रिंसी के साथ लव मैरिज की थी. दोनों के बीच में बहुत प्यार था और वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे. रविवार दोपहर में धवल अपने खेत पर गए थे. शाम को वहां से लौटते समय उनके सीने में तेज दर्द शुरू हो गया. उन्होंने इसकी खबर अपने घरवालों को दी. वे आकर धवल को एक निजी अस्पताल में ले गए. वहां बेहद कोशिश के बावजूद रविवार रात में धवल की मौत हो गई. 

प्रिंसी को सदमा ना लगे, इसलिए नहीं दी थी जानकारी

रविवार रात में धवल की फैमिली ने प्रिंसी को सदमे से बचाने के लिए उसे मौत की जानकारी नहीं दी. प्रिंसी को धवल के अस्पताल में भर्ती होने की बात कहते रहे. सुबह जब धवल का शव घर लाया गया तो प्रिंसी को सारी जानकारी दी गई. जानकारी मिलते ही प्रिंसी सदमे में आ गई और खुद को कमरे में बंद कर लिया. थोड़ी देर बाद धवल की अर्थी सजाकर प्रिंसी को बुलाने के लिए फैमिली वाले गए तो दरवाजा अंदर से बंद पाकर उन्हें शक हुआ. किसी तरह कमरे में दाखिल होने पर प्रिंसी को फांसी पर झूलते पाया. उसकी मौत हो चुकी थी. हर कोई इस दर्दभरी खबर को सुनकर हैरान रह गया. इसके बाद दोनों की अर्थियां एकसाथ ही उठाई गईं. इस पर लोगों ने कहा कि मौत भी उनके प्यार को अलग नहीं कर सकी.

4 बहनों का इकलौता भाई था धवल, खराब थीं किडनी

धवल अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था. उसकी चार बहनें थीं. वह अपने पिता के साथ ही खेती करता था. उसकी दोनों किडनियां खराब थीं. उसकी मां ने दो साल पहले उसे एक किडनी डोनेट करके जान बचाई थी. मां के इस बलिदान के बावजूद धवल की जिंदगी की डोर ज्यादा लंबी नहीं खिंच सकी.

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