डीएनए हिंदी: जंगल और वन्यजीवों की सुरक्षा में तैनात स्नीफर डॉग्स की संख्या में एक बार फिर इजाफा हुआ है. 14 नए सुपर स्नीफर्स डॉग स्क्वाड को कड़ी ट्रेनिंग दी गई है. ये डॉग स्क्वाड अब जंगल की निगरानी करेगा. हरियाणा के पंचकूला में इन स्नीफर डॉग्स की ट्रेनिंग हो रही है. इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (BTC-ITBP) के बेसिक ट्रेनिंग सेंटर से 20 नंवबर को सुपर स्नीफर्स का एक बैच और पास हो गया है.
14 खतरनाक डॉग स्निफर्स का यह नौवां बैच है जिसे ट्रेनिंग मिल चुकी है. 2008 में पहली बार वाइल्ड लाइफ स्निफर डॉग की ट्रेनिंग शुरू की गई थी. ट्रैफिक और वर्ल्ड वाइल्ड-लाइफ फंड (WWF) जैसी भारत की दिग्गज संस्थाओं ने वाइल्ड लाइफ स्निफर डॉग ट्रेनिंग प्रोग्राम में इन कुत्तों को तैयार किया है. 2008 से अब तक 88 वाइल्डलाइफ स्निफर डॉग स्क्वाड को ट्रेन किया जा चुका है.
पंचकूला BTC-ITBP के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक पूरे ट्रेनिंग प्रोग्राम में कुत्तों को सूंघने और निर्देशों का पालन करने की ट्रेनिंग दी गई है. डॉग स्क्वाड का यह ग्रुप अवैध वाइल्ड लाइफ ट्रेड को रोकने में सक्षम है. स्निफर्स के इलाके में जरा की गतिविधि होने पर ये स्क्वाड सक्रिय हो जाता है.
वन अपराधियों की खबर लेंगे स्नीफर डॉग्स
स्नीफर्स डॉग्स का यह ग्रुप तेंदुए की खाल, हाथी की सूंड, दूसरे जानवरों की खाल और हिरन की सींग को सूंघकर ही पहचान सकता है. इसके अलावा दूसरे जानवरों की गंध भी यह ग्रुप पहचानता है. कोर्स खत्म होने के बाद इन डॉग हैंडलर्स को भी ट्रेनिंग दी गई है कि कैसे वे आने वाले दिनों में इन कुत्तों को और बेहतर कर सकते हैं.
बीटीसी-आईटीबीपी के निदेशक के मुताबिक स्नीफर डॉग्स की ट्रेनिंग वैज्ञानिक और अत्याधुनिक तरीके से हुई है. कुत्तों को रिहायशी और जंगली दोनों इलाकों में ले जाकर ट्रेनिंग दी गई है. नए स्नीफर्स डॉग का यह जत्था अवैध वन्यजीव व्यापार को खत्म करेगा. स्नीफर्स डॉग के इस ग्रुप को 7 महीनों तक बीटीसी आईटीबीपी कैंप में कड़ी ट्रेनिंग दी गई है.
कुत्तों को पार्किंग एरिया में, चेक पोस्ट और वाहनों की जांच के दौरान टास्क दिया गया, जहां उनकी परफॉर्मेंस अच्छी रही. कुत्तों को खराब परिस्थितियों में भी आजमाया गया. उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों में भी उनकी टेस्टिंग की गई. स्नीफर्स डॉग ऐसे ऑब्जेक्ट को सूंघकर पता लगाने में कामयाब रहे जो संदिग्ध थे.
400 वाइल्ड लाइफ केस सुलझा चुके हैं डॉग्स स्निफर्स
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक ट्रैफिक इंडिया के हेड डॉक्टर साकेत बडोला के मुताबिक ट्रेन किए गए कुत्ते जांच एजेंसियों की 400 से ज्यादा वाइल्ड लाइफ क्राइम के मामलों में मदद कर चुके हैं. वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड का दावा है कि स्नीफर्स डॉग्स का इस्तेमाल वाइल्ड लाइफ से जुड़े अपराधों को रोकने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु के वन्य जीव विभागों में सुपर स्नीफर्स की मदद ली जा रही है. ये स्नीफर्स बेहद मददगार साबित हो रहे हैं.
2 डॉग स्क्वाड को दक्षिणी और पश्चिमी रेलवे सेंटर में तैनात किया जाएगा. ट्रैफिक एक वाइल्ड लाइफ ट्रेड मॉनिटरिंग संस्था है जो वाइल्ड लाइफ ट्रेड पर नजर रखती है. संस्था की कोशिश है कि वन्य जीव अपराधों पर लगाम लगे. अब इन स्नीफर्स डॉग्स के इस्तेमाल से स्थितियां बेहतर होंगी.