डीएनए हिंदीः कोरोना वायरस (Corona) के ओमिक्रोन (Omicron) वेरिएंट के मामलों की संख्या में भले ही कमी आई हो लेकिन खतरा अभी कम नहीं हुआ है. इसी बीच अब एक और सवाल सामने है कि क्या दूसरी लहर में चिंता का कारण बना ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानी म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) वापसी करेगा? हाल ही में मुंबई में ब्लैक फंगस का केस सामने आया है. पिछले साल दूसरी लहर के दौरान यह दुर्लभ इंफेक्शन कोरोना के बाद कई मरीजों की मौत का कारण बना था.
कहां मिल पहला केस
ब्लैक फंगस का पहला मामला मुंबई में दर्ज किया गया है. एक 70 वर्षीय शख्स जिसकी 5 जनवरी को कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट आई थी, उसमें 12 जनवरी को ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने शुरू हुए थे. इसके बाद मरीज को सेंट्रल मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में एडमिट किया गया जहां उसका इलाज चल रहा है.
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क्या है ब्लैक फंगस?
ब्लैक फंगस (Black Fungus) ब्लाइंडनेस (अंधापन), ऑर्गेन डिसफंक्शन, ऊतकों के नुकसान और समय पर इलाज ना मिलने पर मौत की वजह बन सकता है. यह शरीर में प्रवेश करने वाले रास्तों जैसे कि नाक, साइनस और फेफड़े पर भी हमला कर सकता है. देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट के कारण हाई ब्लड शुगर और लंबे वक्त तक स्टेरॉयड पर रहने वाले कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा देखा गया था. इसके अलावा, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग या जिनका ट्रांसप्लांट हुआ था या फिर जो लंबे समय तक वेंटीलेटर पर थे, उनमें भी इसका जोखिम ज्यादा था.
क्या होते हैं लक्षण?
ब्लैक फंगस में नाक बंद होना या नाक बहना, गाल की हड्डी में दर्द, चेहरे के एक हिस्से में दर्द, सुन्नपन या सूजन, दांतों का ढीला होना, दर्द के साथ ब्लर या डबल विजन की समस्या, थ्रोम्बोसिस, नेक्रोसिस, स्किन पर घाव, छाती में दर्द और रेस्पिरेटरी से जुड़ी दिक्कतों का बढ़ना सामने आता है. डॉक्टरों का कहना है कि यदि को व्यक्ति इन लक्षणों का अनुभव कर रहा है तो उसे तुरंत इसकी जांच करवानी चाहिए.