डीएनए हिंदी: Sambhal News- उत्तर प्रदेश के स्कूलों में बच्चे से बच्चे को सजा दिलवाने के मामलों के धार्मिक रंग लेने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है. मुजफ्फरनगर में हुई एक घटना को लेकर पूरे देश में हंगामा हो चुका है. अब ऐसी ही घटना संभल जिले में सामने आई है, जिसमें एक मुस्लिम महिला स्कूल टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया है. महिला टीचर पर आरोप है कि उसने कक्षा-5 में पढ़ाई के दौरान एक हिंदू बच्चे के सवाल का जवाब नहीं देने पर उसे मुस्लिम बच्चे से चांटे लगवाकर सजा दी है. हिंदू बच्चे के पिता की शिकायत पर पुलिस ने टीचर के खिलाफ केस दर्ज करते हुए गुरुवार को उसे गिरफ्तार कर लिया है.
मंगलवार को हुई थी घटना
संभल पुलिस के मुताबिक, यह घटना मंगलवार को असमोली पुलिस थाना एरिया के डूगावार गांव में निजी स्कूल में हुई है. स्कूल में कक्षा-5 में पढ़ने वाले एक हिंदू बच्चे के पिता ने स्कूल टीचर शाइस्ता के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी थी. शिकायत में टीचर पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश का आरोप लगाया था. बच्चे के पिता का कहना है कि मुस्लिम टीचर उनके बेटे द्वारा एक सवाल का जवाब नहीं बताए जाने पर नाराज थी. उन्होंने इस नाराजगी में उनके बेटे को जानबूझकर क्लास में ही पढ़ने वाले एक मुस्लिम बच्चे से सभी के सामने चांटे लगवाकर सजा दी है. इससे बच्चों के मन में धार्मिक भेदभाव फैलने का डर है. पिता ने शिकायत में यह भी लिखा कि टीचर की इस हरकत से उनके बेटे की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंची है.
टीचर के खिलाफ दर्ज हुआ है ये मुकदमा
संभल के एडिशनल एसपी श्रीष चंद्रा के मुताबिक, हिंदू बच्चे के पिता की शिकायत पर महिला टीचर शाइस्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. यह मुकदमा IPC की धारा 153ए (धर्म, जाति के आधार पर दो समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देना) और धारा 323 (जानबूझकर हानि पहुंचाना) के तहत दर्ज हुआ है. उन्होंने बताया कि आरोपी महिला टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले की जांच आगे जारी है.
मुजफ्फरनगर में मुस्लिम बच्चे को हिंदू बच्चों से लगवाए थे थप्पड़
इसी तरह का एक मामला पिछले महीने मुजफ्फरनगर जिले में भी सामने आया था. जिले के खुब्बापुर गांव के निजी स्कूल में एक महिला टीचर ने होमवर्क करके नहीं आने वाले मुस्लिम बच्चे को उसके सहपाठियों से चांटे लगवाए थे. इस मामले में भी आरोपी टीचर तृप्ता त्यागी के खिलाफ IPC की धारा 323 और धारा 504 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. यह मामला पूरे देश में चर्चा का सबब बना था, जिसमें अब सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा है सुनवाई में
मुजफ्फरनगर वाले केस से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर को पिछली सुनवाई की है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि एक बच्चे को किसी खास समुदाय से जुड़े होने के आधार पर सजा दी जाएगी तो वहां क्वालिटी एजुकेशन नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने इस मामले में लापरवाह जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की भी खिंचाई की है और किसी सीनियर IPS अफसर को एक सप्ताह के दौरान जांच सौंपे जाने का आदेश दिया है.
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