रवींद्र सिंह रॉबिन
डीएनए हिंदी : पंजाब में एक पढ़ी लिखी महिला की भागीदारी ड्रग स्कैम में की गई है. एक ऐसे क्षेत्र में जहां पारम्परिक रूप से मर्दों का बोलबाला रहा है वहां किसी लड़की का होना अपने आप में यह बात बताती है कि किस क़दर युवा लड़कियां अपनी ज़रूरतों की पूर्ती के लिए किसी भी दूरी तक जा सकती हैं.
कुख्यात स्मगलर बनने वाली थी लवप्रीत
खालसा कॉलेज में बायोटेक की छात्रा लवप्रीत कौर की गिरफ्तारी स्मगलिंग के केस में अमृतसर में हुई. उस वक़्त वह अपने दो पुरुष मित्रों के साथ थी. किसी खुफिया सूत्र के हवाले से मिली खबर के आधार पर हुई यह गिरफ्तारी ने कई आपत्तियों को जन्म दिया है.
28 अप्रैल को हुई गिरफ़्तारी से पहले तक कोटकापुरा की लवप्रीत कौर किसी भी आम लड़की की तरह थी जो अपने व्यावसायिक करियर को नया रंग देने के लिए पढ़ाई कर रही थी. शुरूआती जांच में CI विभाग ने बताया कि किस तरह वह कुख्यात स्मगलर बनने के कगार पर थी.
CI इंस्पेक्टर जनरल सुरिंदर सिंह के मुताबिक़ दो भाइयों दीपक राय और महक राय जो सीमावर्ती इलाक़े महावा के रहने वाले थे के साथ गिरफ्तार हुई लवप्रीत के पास 6 किलो हेरोइन बरामद हुए. लवप्रीत और दीपक अमृतसर के पास लिव इन में रहते थे. बरामद हुई हेरोइन की अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कीमत करीब 42 करोड़ बताई जा रही है.
कॉलेज प्रशासन ठीक-ठीक नहीं बता पाया लवप्रीत के बारे में
लवप्रीत के बाबत जवाब देते हुए खालसा कॉलेज की डॉक्टर मेहल सिंह ने कहा कि उनके MSc Biotech शाखा में लवप्रीत कौर नाम की विद्यार्थी पर यह तय नहीं है कि वह वही लवप्रीत है या कोई और.
इन सबके बीच विचारणीय प्रश्न यह है कि कितनी युवा लड़कियां इस तरह भारत पाकिस्तान के 553 किलोमीटर लम्बी सीमा के आर-पार स्मगलिंग के धंधे में लिप्त हैं. पुलिस का कहना है कि यह जांच का विषय है पर क्या इस दबी-छिपी सीमा पार ड्रग स्मगलिंग का कोई डाटा कभी सामने आ पाएगा ? ज्ञात हो कि अभी तक कोई आधिकारिक डाटा उपलब्ध नहीं है जो यह बता सके कि वर्तमान स्थिति क्या है और इसे सुधारने के उपाय क्या हैं?
(लेखक रवींद्र सिंह रॉबिन वरिष्ठ पत्रकार हैं. यह जी मीडिया से जुड़े हैं. राजनीतिक विषयों पर यह विचार रखते हैं.)
(यहां प्रकाशित विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)