डीएनए हिंदी: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने 'दंगल' छेड़ रखा है. बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले पहलवानों ने कार्रवाई की मांग की है. अपनी मांगों को लेकर वे जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं. इस दौरान अब एक बार फिर बृजभूषण सिंह ने सफाई दी है. साथ ही अपने बयान में कहा है कि जितनी भीड़ अभी जंतर मंतर पर है उससे कई गुना ज्यादा भीड़ केवल उनके एक इशारे पर आ जाएगी.
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. बृजभूषण ने इस धरने को अपने खिलाफ महज एक साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि पहले जो मांग उनके इस्तीफे को लेकर थी वह अचानक यौन उत्पीड़न में बदल गई है.
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पहले मांगा इस्तीफा तो यौन उत्पीड़न कहां से आया
बृजभूषण शरण सिंह ने टीवी चैनल से बातचीत में अपना पक्ष रखते हुए खिलाड़ियों के धरने को लेकर कहा, "18 जनवरी को जब यह पहली बार जंतर-मंतर पर आए थे तो इनकी मांग थी फेडरेशन के अध्यक्ष इस्तीफा दे दें तो धरना समाप्त हो जाएगा. यह प्रकरण यौन उत्पीड़न में तब्दील हो गया और फिर इन्हीं की मांग पर भारत सरकार ने दो कमेटी बनाई. सेक्सुअल हैरेसमेंट के संबंध में जो कमेटी बनाई, उसमें खिलाड़ी भी शामिल थे. खिलाड़ियों के दबाव में एक ऐसा व्यक्ति जिसने खुद धरने की परमिशन ली थी, उसे कमेटी का मेंबर बनाया गया."
यौन उत्पीड़न के आरोप बेबुनियाद
अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर सांसद बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि मुझसे कहा गया कि आप 3 सप्ताह तक खुद को कामकाज से अलग रखें और जांच पूरी होने दें. ओवरसाइज कमेटी की जांच पूरी नहीं हुई और यह लोग दोबारा धरने पर बैठ गए. बृजभूषण ने पहलवानों के धरने को उनकी हताशा बताया है.
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उन्होंने कहा कि इसके पीछे कारण यह है इन्होंने जिसको कमेटी का मेंबर बनाया था वह इन्हीं के परिवार का था और वह डे बाय डे की रिपोर्ट देता था. बृजभूषण सिंह ने कहा कि इन को मालूम था कि जांच में कोई भी चीज निकलकर नहीं आई है. यहां तक कि कोई बच्ची या लड़की भी गंभीर आरोप लेकर नहीं आई है जिसके चलते अब यह लोग दबाव बनाने के लिए धरने पर बैठ गए हैं.
सही साबित हुए आरोप तो लगा लेंगे फांसी
बृजभूषण सिंह का कहना है कि उन्हें तो यह भी जानकारी नहीं है कि नाबालिग पीड़िता कौन है. उनका कहना है कि अगर एक भी आरोप सही साबित हुआ तो वह खुद ही फांसी पर लटक जाएंगे. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की मांग पर वह इस्तीफा दे देंगे लेकिन अपराधी बनकर वह इस्तीफा नहीं देंगे. सांसद ने सवाल उठाया कि 18 जनवरी से पहले कोई आरोप क्यों नहीं लगाया गया. खेल मंत्रालय से उससे पहले पहलवानों ने कोई शिकायत क्यों नहीं की.
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि उनका चारित्रिक हनन करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कुश्ती को अपना प्रेम बताते हुए कहा कि उनके समर्थक इन खिलाड़ियो से ज्यादा है अगर वह इशारा कर दें तो जंतर मंतर पर कहीं ज्यादा भीड़ जमा हो जाएगी. बृजभूषण सिंह ने कहा कि जो लोग पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी की आलोचना करते हैं, वही लोग इस धरने में शामिल हैं.
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विपक्षी दलों का मिल रहा समर्थन
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के साथ ही यह भी कहा है कि सांसद ने नाबालिग महिला खिलाड़ियों का शोषण किया है. खिलाड़ी जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हुए हैं. उन्हें किसान यूनियन से लेकर विपक्षी दलों का भी समर्थन मिल रहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.
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