डीएनए हिंदी: बृजभूषण शरण सिंह, यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं. उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट की संगीन धाराएं भी लगाई गई हैं. अब एक व्यक्ति ने यह कबूला है कि उसने भारतीय कुश्ती संघ के चीफ रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गलत केस दर्ज कराया था.
एक नाबालिग पहलवान के पिता ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी क्योंकि वह अपनी बेटी के साथ हुई नाइंसाफी से नाराज थे. इस खुलासे से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामला कमजोर हो सकता है.
यौन उत्पीड़न के केस में बुरी तरह घिरे हैं बृजभूषण सिंह
पिछले छह महीने से पहलवान यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. नाबालिग पहलवान की शिकायत के बाद पोक्सो कानून के तहत जांच चल रही है. नाबालिग के पिता ने PTI से कहा , 'यह बेहतर है कि सच अदालत में आने की बजाय अभी सामने आ जाए.'
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अपनी बात से क्यों पलट रहे हैं नाबालिग लड़की के पिता?
उनसे पूछा गया था कि अब वह अपनी बात से क्यों पलट रहे हैं. उनकी नाबालिग बेटी की पहचान बचाने के लिए उनका नाम नहीं लिया गया है. उन्होंने अपनी और अपनी बेटी की बृजभूषण के खिलाफ कड़वाहट का भी स्पष्टीकरण दिया.
इसकी शुरूआत लखनऊ में 2022 में एशियाई अंडर 17 चैम्पियनशिप के ट्रायल से हुई जिसमें नाबालिग लड़की फाइनल में हारकर भारतीय टीम में जगह नहीं बना सकी थी . उन्होंने रैफरी के फैसले के लिए बृजभूषण को दोषी ठहराया.
'मैं बदले की भावना से भर गया था, इसलिए लगाए आरोप'
नाबालिग के पिता ने कहा, 'मैं बदले की भावना से भर गया था क्योंकि रैफरी के एक फैसले से मेरी बच्ची की एक साल की मेहनत बेकार हो गई थी. मैंने बदला लेने का फैसला किया. मैच दिल्ली के एक पहलवान के खिलाफ था. WFI के नियमों का इसमें पालन नहीं किया गया. मुझे दिल्ली की पहलवान से कोई शिकायत नहीं है. वह भी मेरी बेटी जैसी है लेकिन रेफरी भी दिल्ली से था जिसने जान बूझकर मेरी बेटी को हराया.'
यह पूछने पर कि रेफरी के पक्षपात के लिए उन्हें बृजभूषण से नाराजगी क्यों हैं, उन्होंने कहा, 'रेफरी कौन नियुक्त करता है. महासंघ ही ना महासंघ का प्रमुख कौन है. इसलिए मैं उससे नाराज हूं.'
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यह पूछने पर कि उन्होंने सिर्फ एक मुकाबला हारने के लिए इतने गंभीर आरोप लगाए, उन्होंने कहा , 'आपको लगता है कि बात सिर्फ एक मुकाबले की है और शायद यह मायने भी नहीं रखता लेकिन यह एक साल की मेहनत थी. एक बच्ची सर्जरी के बाद वापसी कर रही थी और हर दिन कई घंटे मेहनत करके लौटी थी , उसे इस एक मुकाबले की अहमियत पता है. उस लड़की के पिता को उस एक मुकाबले की अहमियत पता है क्योंकि उसकी वजह से हम चार अंतरराष्ट्रीय दौरे और शायद चार पदक से चूक गए .'
'पहलवानों का कोई दबाव नहीं है'
रोहतक के रहने वाले इस शख्स ने कहा कि वह और उनकी बेटी प्रदर्शनकारी पहलवानों के दबाव में नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया . हमने खुद ही गलत फैसला लिया . वे भी गलत थे और गलत तो गलत ही है .'
उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी और प्रदर्शनकारी पहलवानों की बातचीत कैसे हुई. उन्होंने कहा, 'कुछ बातें आधिकारिक ही रहने दें. कुछ चीजें व्यक्तिगत होती हैं.'
और क्या कहा नाबालिग ने?
यह फिर पूछने पर कि उन्होंने अपना फैसला क्यों बदला, उन्होंने कहा, 'अब चूंकि बातचीत शुरू हो गई है तो सरकार ने मेरी बेटी की पिछले साल हुई हार की निष्पक्ष जांच का वादा किया है. अब मेरा भी फर्ज है कि अपनी गलती सुधारूं. बेहतर यही होगा कि अदालत की बजाय चीजें अभी स्पष्ट हो जाएं. जब मैं महासंघ से बात कर रहा था तो उन्होंने भी गलत फैसले की बात स्वीकार करके कार्रवाई का वादा किया था. उसके बाद वे वादे से मुकर गए. यह छोटी बात नहीं है तो मेरा गुस्सा जायज है. मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है.'
वहीं बृजभूषण ने नाबालिग पहलवान के पिता के इस ताजा बयान पर कहा कि उनके मन में किसी के लिए दुर्भावना नहीं है. उन्होंने कहा, 'उस लड़की को इस गलती के लिए उन पहलवानों ने गुमराह किया जो मेरे खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं . मेरे मन में उसके या उसके परिवार के लिए कोई दुर्भावना नहीं है. मैं उसके परिवार के खिलाफ किसी कार्रवाई की मांग नहीं करता. यह मुझे बदनाम करने की साजिश थी.'
नाबालिग लड़की ने नहीं, पिता ने लगाए थे आरोप
लड़की के पिता ने यह भी कहा कि बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का फैसला उनका था, उनकी बेटी का नहीं. उन्होंने कहा, 'यह मेरा फैसला था. मैं पिता हूं औंर मैं उस पर नाराज था. मैंने उससे कहा कि बेटा ऐसी बातें हो रही है तो उसने कहा कि पापा आप देख लो. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी बेटी को अब न्याय मिलेगा. मैंने उस विवादित मुकाबले के वीडियो साक्ष्य दे दिए हैं. मैं इस एक साल को वापिस नहीं ला सकता. इस पूरे विवाद के दौरान वह पांच जून को मुकाबला हारी और अवसाद में चली गई. क्या यह वापिस आ सकता है.'
उन्होंने इन मीडिया अटकलों को भी खारिज किया कि उनकी बेटी वयस्क है . उन्होंने कहा, 'मेरी बेटी नाबालिग है. उन्होंने हालांकि इस बारे में कुछ नहीं कहा कि झूठी एफआईआर दर्ज कराने के परिणाम भुगतने के लिए क्या वह तैयार हैं क्योंकि यह दंडात्मक अपराध है.
200 से ज्यादा लोगों के बयान हो चुके हैं दर्ज
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 200 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं और 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा. खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को यह आश्वासन दिया है. तब तक पहलवानों ने भी अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है. (इनपुट: भाषा)
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