डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) ने खुद पर लगे सारे आरोपों को स्वीकार कर लिया है. यासीन पर आतंकवाद, देशद्रोह और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर अपराधों के मुकदमे चल रहे हैं. इस मामले में 19 मई को सुनवाई होगी. अगर इन आरोपों के तहत यासीन मलिक को दोषी करार दिया जाता है तो उसे आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा कि वह अपने खिलाफ लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता है. आपको बता दें कि यासीन मलिक के खिलाफ यूएपीए की धारा 16 (आतंकी गतिविधि), धारा 17 (आतंकी गतिविधि के लिए पैसा जुटाना), धारा 18 (आतंकी साजिश रचना) और धारा 20 (आतंकी संगठन का सदस्य होना) और आईपीसी की धारा 120-बी के साथ-साथ धारा 124 ए (देशद्रोह) का मुकदमा चल रहा है.
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19 मई को होगा सजा का फैसला
इस मामले में स्पेशल जज प्रवीण सिंह 19 मई को यासीन मलिक की सजा के संबंध में दलीलें सुनेंगे. इन अपराधों में अधिकतम सजा आजीवन कारावासी की हो सकती है. ऐसे में अगर यासीन मलिक को सजा होती है तो उसे अपनी बाकी की उम्र जेल में गुजारनी पड़ेगी. आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना के 4 निहत्थे अधिकारियों की हत्या करने की बात कैमरे पर कबूली थी.
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यासीन मलिक के अलावा कश्मीरी अलगाववादियों फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद बट, जहूर अहमद शाह वटाली, शरीब अहमद शाह, अब्दुल रशीद शेख और नवल किशोर कपूर के खिलाप औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिए गए हैं. इन सभी की सजा पर 19 मई को फैसला होगा.
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