डीएनए हिंदी: अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. अदालत ने JKLF चीफ पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है. एडवोकेट उमेश शर्मा ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि टेरर फंडिंग केस में यासीन मलिक को उम्रकैद की दो सजा सुनाई गई हैं. इसके अलावा उसे 10 अपराधों में 10 साल का कठोर कारावास सुनाई गई है. उन्होंने बताया कि सभी सजा साथ-साथ चलेंगी.
यासीन मलिक (Yasin Malik) को 19 मई को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में दोषी ठहराया गया था. यासिन मलिक ने अवैध गतिविध (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोपों समेत उस पर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था.
यासिन मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता. इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं.
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कश्मीर में इंटरनेट बंद, यासीन के घर के पास पत्थरबाजी
अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर अदालत का फैसला आने से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बुधवार को बंद रहे.श्रीनगर में यासीन के घर के पास उसे सजा सुनाए जाने से पहले पत्थरबाजी की घटनाएं देखने को मिलीं. घाटी में माहौल न बिगड़े इसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने कश्मीर घाटी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है.
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