Yes Bank के फाउंडर का दावा- प्रियंका गांधी से पेंटिंग खरीदने को किया गया मजबूर

| Updated: Apr 24, 2022, 10:40 AM IST

ED की हिरासत में राणा कपूर. (फाइल फोटो)

Yes Bank के को फाइंडर राणा कपूर ने ईडी से कहा है कि उन्हें प्रियंका गांधी वाड्रा से एमएफ हुसैन की एक पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया गया था.

डीएनए हिंदी: यस बैंक (Yes Bank) के को-फाउंडर राणा कपूर (Rana Kapoor) ने प्रवर्तन निदेशायल (ED) से कहा है कि उन्हें एमएफ हुसैन (M F Husain) की एक पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया गया था. यह पेंटिंग प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से खरीदने के लिए दबाव बनाया गया था. गांधी परिवार से यह पेंटिंग खरीदने के लिए उन्हें 2 करोड़ खर्च करने पड़े थे, इसी पैसे से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का इलाज कराया गया था.

राणा कपूर ने यह भी दावा किया है कि सोनिया गांधी का इलाज न्यूयॉर्क स्थित एक अस्पताल में हुआ था, जिसमें करीब 2 करोड़ रुपये खर्च आए थे. कोर्ट की चार्जशीट में इन बातों का जिक्र एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ED की चार्जशीट में किया गया है.

राणा कपूर ने ईडी से यह भी कहा है तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने उनसे कहा था कि एम एफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने से इनकार करने पर उन्हें गांधी परिवार के पास नहीं जाने दिया जाएगा. उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार देने से रोक दिया जाएगा.

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घिर गए हैं राणा कपूर

ED ने आरोप लगाया है कि यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के  कपिल वधावन और धीरज वधावन ने संदिग्ध लेनदेन के जरिए 5,050 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में स्पेशल कोर्ट में हाल में ही राणा कपूर, उनके परिवार और वधावन बंधुओं और अन्य के खिलाफ दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है.

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विदेश भेजी गई है गबन की राशि

जांच एजेंसी को यह पता चला है कि गबन की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा राणा कपूर ने विदेश भेजा है जिसकी वजह से उन्हें कुर्क नहीं किया जा सकता है. ED की जांच में यह बात सामने आई है कि 2018 में अप्रैल-जून के दौरान यस बैंक ने डीएचएफएल के डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किए थे. यह राशि डीएचएफएल को भेज दी गई. इसके बाद डीएचएफएल ने राणा कपूर और उनके परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी DOIT अर्बन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को 600 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था.

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पद का किया है गलत इस्तेमाल

जांच में यह बात सामने आई है कि अल्पकालिक डिबेंचरों की खरीद के लिए यस बैंक ने जनता के पैसे का इस्तेमाल किया था. डिबेंचर को अभी तक भुनाया नहीं गया है. ईडी ने कहा कि डीएचएफएल ने कपूर के स्वामित्व वाली कंपनी डीयूवीपीएल को 600 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज देकर इस पूरी गतिविधि पर पर्दा डालने की कोशिश की. जांच एजेंसी ने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि राणा कपूर ने अपने और अपने परिजनों के लिए अनुचित फाइनेंशियल हेल्प करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया. (PTI इनपुट के साथ)

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